Rajasthan mein Rajshahi ka Ant
राजस्थान में राजशाही का अन्त
Rajasthan mein Rajshahi ka Ant
राजस्थान में राजशाही का अन्त : जिस समय राजपूताना रियासतों को भारत में मिलाया गया था, उस समय राजाओं को यह विश्वास दिलाया गया था कि भावी लोकतंत्र में छोटी रियासतों को उनकी निकटवर्ती रियासतों में मिलाकर बड़ी प्रशासनिक इकाइयों का निर्माण किया जाएगा तथा बड़ी रियासतों को भारत के भीतर, स्वतंत्र रियासत के रूप में बने रहने दिया जाएगा, किंतु देश की आजादी के बाद रियासतों में उत्तरदायी शासन की मांग के लिए प्रजामण्डल आंदोलन चले, जिनके कारण रियासतों में बेचैनी फैल गई तथा लगभग दो वर्ष के बहुपक्षीय संघर्ष के पश्चात भारत सरकार को ये रियासतें राजस्थान में मिलानी पड़ी और राजस्थान का वर्तमान स्वरूप सामने आया। इस दौरान विभिन्न रियासतों में बहुत सी घटनाएं घटी। रियासती संविधानों का निर्माण हुआ, लोकप्रिय सरकारें बनीं किंतु जन-आक्रोश के समक्ष रियासतें टिक नहीं सकीं। जब रियासतों का विलोपन होने लगा तब सरदार पटेल पर यह आरोप लगाया गया कि उन्होंने राजाओं के साथ धोखा किया है। इस पुस्तक में उस ऐतिहासिक युग की घटनाओं को विस्तार एवं विश्वसनीयता के साथ लिखा गया है।
Rs.600.00
Weight | .580 kg |
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Dimensions | 7.50 × 5.57 × 1.57 in |
Author : Dr. Mohanlal Gupta
Language : Hindi
ISBN : 9789387297661
Edition : 2019
Publisher : RG GROUP
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