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Rajasthan ki Sanskriti mein Nari


“इस संसार में यदि नारी न होती तो सभ्यता और संस्कृति न होती। इसीलिए किसी समाज के सांस्कृतिक विकास का मानदण्ड नारी की मर्यादा है।” – हजारी प्रसाद द्विवेदी
राजस्थान की संस्कृति में नारी का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। कुल मर्यादाओं व परम्पराओं के निर्वाह में यहाँ की नारी ने अद्वितीय आदर्श प्रस्तुत किये हैं। वीरांगना, सती और प्रेमिका के रूप में इस प्रदेश की नारी की अपनी निजी विशेषताएँ रही हैं।
संस्कारों के निर्माण में यहाँ की नारी की जो महती भूमिका रही है, वह इस प्रदेश की संस्कृति में अविस्मरणीय है। वैयक्तिक व पारिवारिक आदर्शों की स्थापना, कुल परम्पराओं का निर्वाह तथा सामाजिक व धार्मिक जीवन की समृद्धि और विकास में यहाँ की नारी के अनूठे योगदानों से इस प्रदेश की संस्कृति गरिमामय और जाज्वल्यमान बनी। संस्कृति के निर्माण और इसके संवर्धन में यहाँ की नारी सदा सचेष्ट रही है।

Rs.200.00

Rajasthan ki Sanskriti mein Nari

राजस्थान की संस्कृति में नारी

Weight .265 kg
Dimensions 8.66 × 5.57 × 1.57 in

Author : Dr. Vikram Singh Rathore
Language : Hindi
Edition : 2021
ISBN : 9789390179107
Publisher : RG GROUP

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