- : 9789355212016
- : HIndi
- : Prabhat Prakashan
- : 1
- : 2022
- : 360
- : Soft Cover
- : 400 Grams
Patan (PB)
उपन्यास “पतन’ एक कहानी के साथ- साथ भारत की राजनीति में घटनेवाली बड़ी घटनाओं को सही समय और काल के साथ व प्रामाणिकता के साथ प्रस्तुत करता है। देश के राजनीतिक पटल पर बदलते दृश्यों को लेकर लेखक के रूप में मेरी एक राय हो सकती है, एक दृष्टिकोण हो सकता है, किंतु घटनाओं के तथ्य, काल, चाल और चरित्र को हू-ब-हू प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। फिर चाहे वह 1975 की इमरजेंसी के भीतर का सच हो, जनता पार्टी की सतबेझडी हाँड़ी का फूटकर बिखरना उसकी स्वाभाविक परिणति हो, इंदिरा गांधी के द्वारा जनता पार्टी को तोड़ने का सफल षड़्यंत्र हो, मंडल आयोग के कारण पूरे देश के उपद्रव हों, लालकृष्ण आडवाणी की रथयात्रा हो, नरसिम्हा राव का हवाला हो, अटल बिहारी की सरकार का बहुमत साबित न कर पाने के कारण तेरह दिन में और फिर तेरह महीने में सत्ता से बेदखल होना हो या छह साल के सफल नेतृत्व के बाद भी अटल सरकार को जनता के द्वारा नकारकर आर्थिक घोटालों के कारण चर्चा में रहे सोनिया गांधी के नेतृत्ववाली मनमोहन सरकार की स्वीकार्यता के दस वर्ष हों। उपन्यास पतन में स्वतंत्र भारत में नेहरू- काल के बाद के इतिहास की नकारात्मकता और सकारात्मकता को उल्लेखित किया गया है।
‘पतन’ में एकात्म मानवतावाद, साम्यवाद, समाजवाद और नक्सलवाद को गहन चिंतन और वार्त्ताओं के माध्यम से खँगालने का भी सफल प्रयास किया गया है।
Rs.425.00 Rs.500.00
Weight | 0.510 kg |
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Dimensions | 8.7 × 5.57 × 1.57 in |
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