,

Mundkopanishad


अथर्ववेद के मन्त्रभाग में वर्णित इस उपनिषद में तीन मुण्डक हैं तथा एक-एक मुण्डक के दो-दो खण्ड हैं। आचार्य परम्परा के वर्णन के साथ-साथ इसमें अपरा और परा विद्या के रूप में अनात्म तथा आत्म-तत्त्व का विश्लेषण है। सानुवाद, शांकरभाष्य।

Rs.25.00

Publisher – Gita Press
Language – Hindi
Binding – Paperback

Weight .200 kg
Dimensions 7.50 × 5.57 × 1.57 in

Based on 0 reviews

0.0 overall
0
0
0
0
0

Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.

There are no reviews yet.