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Main Subhash Bol Raha Hoon


नेताजी सुभाष चंद्र बोस महान् देशभक्त थे। ब्रिटिश दासता से मुक्ति और पूर्ण स्वातंत्र्य उनका लक्ष्य था। बर्लिन रेडियो से एक प्रसारण में उन्होंने कहा था, “अपने जीवन की अंतिम साँस तक मैं मातृभूमि की सेवा करता रहूँगा और उसके लिए बड़े-से-बड़ा बलिदान करने से न झिझकूँगा। मेरे लिए भारत का हित सर्वप्रिय है, चाहे मैं संसार के किसी भी भाग में हूँ।”
‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूँगा’ के द्वारा स्वतंत्रता-सेनानियों में आजादी का महामंत्र फूँकनेवाले नेताजी सुभाष को भारतीय संस्कृति में अटूट विश्वास था। वे कहते थे कि मैं उन लोगों में से नहीं हूँ, जो आधुनिकता के जोश में अपने अतीत के गौरव को भूल जाते हैं। हमारे पास विश्व को देने के लिए दर्शन, साहित्य, कला और विज्ञान में बहुत कुछ है और सारा संसार हमारी ओर टकटकी लगाए देख रहा है।
ऐसे अमर बलिदानी, राष्ट्रभक्त और क्रांतिकारी विचारक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की चिंतनधारा से अपने देश की होनहार छात्र-युवा पीढ़ी को परिचित-प्रेरित कराने के शुभ संकल्प के साथ यह संकलन प्रस्तुत है।

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THE AUTHOR

Giriraj Sharan

जन्म : सन् 1944, संभल ( उप्र.) ।
डॉ. अग्रवाल की पहली पुस्तक सन् 1964 में प्रकाशित हुई । तब से अनवरत साहित्य- साधना में रत आपके द्वारा लिखित एवं संपादित एक सौ से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं । आपने साहित्य की लगभग प्रत्येक विधा में लेखन-कार्य किया है । हिंदी गजल में आपकी सूक्ष्म और धारदार सोच को गंभीरता के साथ स्वीकार किया गया है । कहानी, एकांकी, व्यंग्य, ललित निबंध, कोश और बाल साहित्य के लेखन में संलग्न डॉ. अग्रवाल वर्तमान में वर्धमान स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बिजनौर में हिंदी विभाग में रीडर एवं अध्यक्ष हैं । हिंदी शोध तथा संदर्भ साहित्य की दृष्‍ट‌ि से प्रकाशित उनके विशिष्‍ट ग्रंथों-‘ शोध संदर्भ ‘ ‘ सूर साहित्य संदर्भ ‘, ‘ हिंदी साहित्यकार संदर्भ कोश ‘-को गौरवपूर्ण स्थान प्राप्‍त हुआ है ।
पुरस्कार-सम्मान : उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ द्वारा व्यंग्य कृति ‘ बाबू झोलानाथ ‘ (1998) तथा ‘ राजनीति में गिरगिटवाद ‘ (2002) पुरस्कृत, राष्‍ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली द्वारा ‘ मानवाधिकार : दशा और दिशा ‘ ( 1999) पर प्रथम पुरस्कार, ‘ आओ अतीत में चलें ‘ पर उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ का ‘ सूर पुरस्कार ‘ एवं डॉ. रतनलाल शर्मा स्मृति ट्रस्ट द्वारा प्रथम पुरस्कार । अखिल भारतीय टेपा सम्मेलन, उज्जैन द्वारा सहस्राब्दी सम्मान ( 2000); अनेक संस्थाओं द्वारा सम्मानोपाधियाँ प्रदत्त ।

Weight 0.300 kg
Dimensions 8.7 × 5.51 × 1.57 in

AUTHOR: Giriraj Sharan
PUBLISHER: Prabhat Prakashan
LANGUAGE: Hindi
ISBN: 9789380823232
COVER: HB
WEIGHT: 300 GMS
Pages: 152

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