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Khetri Naresh aur Vivekanand


खेतड़ी नरेश और विवेकानन्द : पुनीत बालुकामयी राजपूताने की मरूभूमि में कुछ ऐसी ज्योतिर्मयी शक्ति है कि समय-समय पर उस रक्त-रंजित स्थल में वह शक्ति लोगों के हितार्थ मानव रूप धारण किया करती है। स्वर्गीय राजा अजीतसिंह भी उस शक्ति के एक प्रतिबिंब थेे। स्वामी विवेकानंद और राजा अजीत सिंह उस सृजनहार शक्ति के दो निकटतम रूप थे, जो इस संसार में उस शक्ति की प्रेरणा से आए थे और अपना कर्तव्य-पालन कर उसी में लीन हो गए। स्वामी जी ने अपने आध्यात्मिक बल से अमेरिका में वेदांत-पताका फहराकर भारतवर्ष और हिंदू जाति का गौरव बढ़ाया था। वस्तुतः स्वामी तरूण भारत के स्फर्ति-स्त्रोत थे। अमेरिका में जाकर उन्होंने भारत के लिए जितने आंदोलन किए इतने कदाचित् किसी ने आज तक नहीं किए। इस आंदोलन में खेतड़ी-नरेश राजा अजीत सिंह जी का बड़ा योगदान था। स्वयं स्वामी जी की उक्ति है- “भारतवर्ष की उन्नति के लिए थोड़ा-बहुत मैनें किया है, वह खेतड़ी-नरेश के न मिलने से सम्भव न हो पाता”। प्रस्तुत पुस्तक में स्वामी विवेकानंद जी द्वारा किए गए देश-हित के कार्यों में खेतड़ी-नरेश भी किस रूप में सहायक बनें, उसका विस्तृत वर्णन है। समाज-कार्यों के लिए प्रोत्साहन करने वाली एक अद्भूत कृति। राजस्थान-शेखावाटी के लिए यह परम सौभाग्य की बात है कि वहां राजा अजीत सिंह जी के समान धर्मात्मा पुरूष हुए। उनके समय में न केवल खेतड़ी में ‘रामकृष्ण मिशन’ की स्थापना हुई बल्कि स्वामी जी ने विविदिषानंद से विवेकानंद नाम राजा अजीत सिंह जी के प्रेमानुरोध से धारण किया था।

Rs.150.00

Khetri Naresh aur Vivekanand

खेतड़ी नरेश और विवेकानन्द

Weight .240 kg
Dimensions 8.66 × 5.57 × 1.57 in

Author : Jhabarmal Sharma
Language : Hindi
ISBN : 9789385593253
Edition : 2018
Publisher : RG GROUP

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