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Khalistan Shadyantra Ki Inside Story


This Book is HindI Version of  The Khalistan Conspiracy: A Former RAW Officer Unravels the Path to 1984

Khalistan Shadyantra Ki Inside Story

आखिर 1 अकबर रोड ग्रुप पंजाब/खालिस्तान समस्या का क्या अंतिम समाधान चाहता था? अकाली दल के उदार नेताओं से बातचीत कर समझौते तक पहुँचने की संभावना को मई 1984 के आखिर तक क्यों अधर में रखा गया, जब ऑपरेशन ब्लू स्टार में कुछ ही दिन रह गए थे? आखिर कैसे, जिस रॉ के लिए सिख उग्रवाद और खालिस्तान 1979 के आखिर तक कोई मुद्दा नहीं था, वही 1980 के अंत में अचानक उससे निपटने में शामिल हो गया? आखिर क्यों स्वर्ण मंदिर परिसर से भिंडरावाले को पकड़ने के लिए सुझाए गए कम नुकसानदेह उपायों को ठुकरा दिया गया?
लेखक भारत की बाह्य खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व स्पेशल सेक्रेटरी हैं, जो आपस में जुड़ी कई घटनाओं की समीक्षा करते हैं—खालिस्तान आंदोलन, ऑपरेशन ब्लू स्टार, 1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या और उसके बाद हुई सिख-विरोधी हिंसा। 1984 से सात साल पहले से लेकर उसके एक दशक बाद के घटनाक्रम का जिक्र करती यह पुस्तक उन महत्त्वपूर्ण सवालों के जवाब देने का प्रयास करती है जो आज भी बरकरार हैं।
कहानी पंजाब से कनाडा, अमेरिका, यूरोप और दिल्ली तक घूमती है तथा राजनीतिक भ्रमजालों एवं अवसरवाद के बीच से सच को बाहर लाने की कोशिश करती है। हजारों बेकसूर लोगों की जिंदगी को निगल जानेवाली हृदय-विदारक हिंसा और सत्ताधारी दल की ओर से कथित तौर पर निभाई गई भूमिका की छानबीन करती है।

Rs.360.00 Rs.400.00

G.B.S. Sidhu

भारत की अंतरराष्ट्रीय गुप्तचर एजेंसी रॉ में छब्बीस साल बिताने के बाद, जी.बी.एस. सिद्धू 1998 में स्पेशल सेक्रेटरी के पद से सेवानिवृत्त हुए। उनकी पुस्तक ‘सिक्किम : डॉन ऑफ डेमोक्रेसी’ (1998) भारत के साथ 1975 में सिक्किम के विलय में उनकी भूमिका की चर्चा करती है, जब वह गंगटोक में रॉ के स्टेशन इंचार्ज थे।

Weight 0.450 kg
Dimensions 8.7 × 5.57 × 1.57 in
  •  G.B.S. Sidhu
  •  9789355211859
  •  Hindi
  •  Prabhat Prakashan
  •  1
  •  2022
  •  264
  •  Soft Cover

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