सामग्री तालिका
अनुक्रम
#1: करुणा के फूल
#2: शून्य के क्षण
#3: आनंद का झरना
#4: प्रेम के प्रतिबिंब
#5: अरूप की झलक
#6: अंतहीन यात्रा
#7: पूर्ण का द्वार
“करुणा और क्रांति’–ऐसा शब्दों का समूह मुझे अच्छा नहीं मालूम पड़ता है। मुझे तो लगता है–करुणा यानी क्रांति। करुणा अर्थात क्रांति। कम्पैशन एंड रेवोल्यूशन ऐसा नहीं, कम्पैशन मीन्स रेवोल्यूशन। ऐसा नहीं कि करुणा होगी–और क्रांति होगी। अगर करुणा आ जाए, तो क्रांति अनिवार्य है। क्रांति सिर्फ करुणा की पड़ी हुई छाया से ज्यादा नहीं है। और जो क्रांति करुणा के बिना आएगी, वह बहुत खतरनाक होगी। ऐसी बहुत क्रांतियां हो चुकी हैं। और वे जिन बीमारियों को दूर करती हैं, उनसे बड़ी बीमारियों को पीछे छोड़ जाती हैं।” ओशो
पुस्तक के कुछ मुख्य विषय-बिंदु:
मनुष्य एक रोग क्यों हो गया है?
ध्यान का अर्थ है : समर्पण, टोटल लेट-गो
मन के कैदखाने से मुक्ति के उपाय?
जिन्दगी के रूपांतरण का क्या मतलब है?
करुणा, अहिंसा, दया, प्रेम इन सब में क्या फर्क है?
Rs.300.00
सामग्री तालिका
अनुक्रम
#1: करुणा के फूल
#2: शून्य के क्षण
#3: आनंद का झरना
#4: प्रेम के प्रतिबिंब
#5: अरूप की झलक
#6: अंतहीन यात्रा
#7: पूर्ण का द्वार
Weight | .390 kg |
---|---|
Dimensions | 8.66 × 7.25 × 1.57 in |
AUTHOR: OSHO
PUBLISHER: Osho Media International
LANGUAGE: Hindi
ISBN: 9788172613150
PAGES: 185
COVER: HB
WEIGHT :390 GM
Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.
There are no reviews yet.