Narendra Modi
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Prabhat Prakashan, प्रेरणादायी पुस्तकें (Motivational books)
Lok Vyavahar- Dale Carnegie
0 out of 5(0)एक सफल नेता बनने के लिए किसी व्यक्ति को न केवल बढि़या काम करना जरूरी है, बल्कि उसके साथ में एक प्रभावशाली वक्ता होना भी आवश्यक है। सफल नेताओं को अपने फैसलों और शब्दों, दोनों पर पूरा विश्वास होता है। मानव मनोविज्ञान की गहन समझ डेल कारनेगी को अपने पाठकों को जीवन में एक सही और फलदायी विकल्प चुनने में पथ-प्रदर्शन में सक्षम बनाती है।
यह पुस्तक ‘‘लोक व्यवहार ः प्रभावशाली व्यक्तित्व की कला’’ पाठकों को जिज्ञासोत्तेजक वक्तव्य की कला सिखाते हुए उन्हें एक प्रभावशाली नेता बनने में महत्तवपूर्ण भूमिका निभाती है।SKU: n/a -
Prabhat Prakashan, Religious & Spiritual Literature, प्रेरणादायी पुस्तकें (Motivational books)
Manusmriti Aur Adhunik Samaj
Prabhat Prakashan, Religious & Spiritual Literature, प्रेरणादायी पुस्तकें (Motivational books)Manusmriti Aur Adhunik Samaj
0 out of 5(0)‘मनुस्मृति’ सामाजिक व्यवस्था, विधि, न्याय एवं प्रशासन-तंत्र पर विश्व की प्राचीनतम पुस्तक है, जो विद्वान् महर्षि मनु द्वारा संस्कृत की पद्यात्मक शैली (श्लोकों) में लिऌा गई है। इस ग्रंथ में मनु ने तत्कालीन समाज में प्रचलित कुरीतियों एवं मनुष्य के स्वभाव का अति सूक्ष्म परिवेक्षण कर मानव-समाज को सुव्यवस्थित, सुऌखी, स्वस्थ, संपन्न, वैभवशाली एवं सुरक्षित बनाने हेतु विविध नियमों का प्रावधान किया है, ताकि नारी व पुरुष, बच्चे व बुजुर्ग, विद्वान् व अनपढ़, स्वस्थ व विकलांग, संपन्न व गरीब, सभी सऌमान एवं प्रतिष्ठा के साथ रह सकें तथा समाज और देश की चतुर्मुऌा उन्नति में अपना प्रशंसनीय योगदान करने में सफल हों।
मनुस्मृति किसी धर्म विशेष की पुस्तक नहीं है। यह वास्तव में मानव-धर्म की पुस्तक है तथा समाज की तत्कालीन स्थिति से परिचित कराती है। समाज की सुव्यवस्था हेतु मनुष्यों के लिए जो नियम अथवा अध्यादेश उपयुत समझे, मनु ने इस मानव-धर्म ग्रंथ में उनका विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया है। इसमें मानवाधिकारों के संरक्षण पर अनेक श्लोक हैं। मनुस्मृति में व्यतियों द्वारा प्राप्त ज्ञान, उनकी योग्यता एवं रुचि के अनुसार उनके कर्म निर्धारित किए गए हैं तथा कर्मानुसार ही प्रत्येक व्यति के अधिकारों, कर्तव्यों, उारदायित्वों एवं आचरणों के बारे में स्पष्ट मत व अध्यादेश अंकित हैं।
सरल-सुबोध भाषा में समर्थ-सशत-समरस समाज का मार्ग प्रशस्त करनेवाला ज्ञान-संपन्न ग्रंथ।
SKU: n/a -
Prabhat Prakashan, प्रेरणादायी पुस्तकें (Motivational books)
Vijayi Bhav
0 out of 5(0)हम भारतीयों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सभी जरूरी संसाधन पर्याप्त मात्रा में देश में उपलब्ध हैं। हमारे यहाँ बहुत सी नीतियाँ और संस्थाएँ हैं। चुनौती है तो बस शिक्षकों, विद्यार्थियों और तकनीक-विज्ञान को एक सूत्र में पिरोकर एक दिशा में चिंतन करने की।
प्रस्तुत पुस्तक राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में चिंतन के विविध आयामों को खोलती है, अनेक व्यावहारिक चुनौतियाँ प्रस्तुत करती है और कई महत्त्वपूर्ण प्रश्न पाठकों के सामने रखती है। डॉ. कलाम देश के छात्र व युवा-शक्ति को भावनात्मक, नैतिक एवं बौद्धिक विकास की ओर प्रवृत्त होने का संदेश देते हैं। वैज्ञानिक और तकनीकी खोजों को सही ढंग से मनुष्य के विकास में उपयोग करने के विचार को बल देते हैं।
विजयी भव डॉ. कलाम के भारत को महाशक्ति बनाने के स्वप्न को दिशा देनेवाली कृति है। इसमें शिक्षा व शिक्षण की पृष्ठभूमि, मानव जीवन-चक्र, परिवारों के सदस्यों के बीच पारस्परिक संबंध, कार्य की उपयोगिता, नेतृत्व के गुण, विज्ञान की प्रकृति, अध्यात्म तथा नैतिकता पर विस्तृत प्रकाश डाला गया है।
यह कृति डॉ. कलाम की पूर्व प्रकाशित पुस्तकों की श्रृंखला की महत्त्वपूर्ण कड़ी है, जो हमें सामाजिक एवं राष्ट्रीय जीवन में अपनी प्रवीणताओं और कुशलताओं के साथ विजयी होने की प्रेरणा देती है।SKU: n/a
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