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JEEVAN RAHASHYA


इस पुस्तक का पहला प्रश्न ‘लोभ’ से शुरू होता है जिसके उत्तर में ओशो कहते हैं कि साधना के मार्ग पर ‘लोभ’ जैसे शब्द का प्रवेश ही वर्जित है क्योंकि यहीं पर बुनियादी भूल होने का डर है।
फिर तनाव की परिभाषा करते हुए ओशो कहते हैं : सब तनाव गहरे में कहीं पहुंचने का तनाव है और जिस वक्त आपने कहा, कहीं नहीं जाना तो मन के ‍अस्तित्व की सारी आधारशिला हट गई।
फिर क्रोध, भीतर के खालीपन, भय इत्यादी विषयों पर चर्चा करते हुए ओशो प्रेम व सरलता—इन दो गुणों के अर्जन में ही जीवन की सार्थकता बताते हैं।

Rs.420.00

विषय सूची
प्रवचन 1 : परमात्मा को पाने का लोभ

प्रवचन 2 : मौन का द्वार

प्रवचन 3 : स्वरूप का उदघाटन

प्रवचन 4 : प्रार्थना : अद्वैत प्रेम की अनुभूति

प्रवचन 5 : विश्वास—विचार—विवेक

प्रवचन 6 : उधार ज्ञान से मुक्ति

प्रवचन 7 : पिछले जन्मों का स्मरण

प्रवचन 8 : नये वर्ष का नया दिन

प्रवचन 9 : मैं कोई विचारक नहीं हूं

प्रवचन 10 : मनुष्य की एकमात्र समस्या : भीतर का खालीपन

प्रवचन 11 : प्रेम करना ; पूजा नहीं

प्रवचन 12 : धन्य हैं वे जो सरल हैं

Weight .400 kg
Dimensions 8.66 × 5.57 × 1.57 in

AUTHOR: OSHO
PUBLISHER: Osho Media International
LANGUAGE: Hindi
ISBN: 9788172611521
PAGES: 200
COVER: HB
WEIGHT :400 GM

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