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JEET KA JADU


जीत एक सुखद और आनंददायक एहसास है। जीवन की सार्थकता जीतने में ही है। सृष्‍टि का वैज्ञानिक स्वरूप जीत के फॉर्मूले पर आधारित है। इसलिए जीत एक सहज, सत्य और स्वाभाविक प्रक्रिया है।
जीत के लिए न तो किसी आपाधापी की आवश्यकता है और न ही किसी झूठ के सहारे की। हमारा जन्म ही जीत की शुरुआत है।
हमारा जन्म जीतने के लिए ही हुआ है। कोई भी आदमी कभी हारता नहीं है, बस जीत का प्रतिशत कम या ज्यादा होता है।
जीत का लक्ष्य सच्चे आनंद को पाना है। हमारे द्वारा तय किया गया जीवन-लक्ष्य हमें सच्चे आनंद की ओर ले जाता है। इसलिए किसी मृग-मरीचिका में फँसे बगैर हमें सहज-सत्य के मार्ग पर चलते हुए अपने लक्ष्य की ओर बढ़ना चाहिए। हमारा चल पड़ना ही जीत का उद‍्घोष है। कुछ करें या न करें, पर अपने लक्ष्य से यदि हम प्रेम कर लें तो जीत जाएँगे। जीवन की इस छोटी अवधि में हम सिर्फ प्रेम करें तो भी कम ही है, फिर घृणा के लिए समय कहाँ है? हम अपने कृत्यों के फल से कभी वंचित नहीं रह सकते। हमारे हर कर्म का फल निश्‍च‌ित है।
जीत यानी जीवन की सफलता के गुरुमंत्र बताती अत्यंत प्रेरणाप्रद पठनीय कृति।

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Ratneshwar K. Singh

1988 में ‘नवभारत’ नागपुर से पत्रकारिता की शुरुआत। इसके बाद ‘दैनिक राष्‍ट्रदूत’ में उपसंपादक तथा ‘पाटलिपुत्र टाइम्स’ में फीचर संपादक, ‘स्टार वन’ पर ‘मानो या ना मानो’ का स्क्रिप्ट लेखन; दूरदर्शन से संबद्धता के साथ मौर्य टीवी के डिप्टी एडिटर रहे।
रिलायंस एनर्जी मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट (मुंबई), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्यूनिकेशन (नई दिल्ली), बी.एच.यू. (वाराणसी), राँची विश्‍वविद्यालय, पटना विश्‍वविद्यालय, डॉ. जाकिर हुसैन संस्थान (पटना) में अध्यापन। डीन के रूप में नॉट्रेडेम कम्यूनिकेशन सेंटर (पटना) में कार्य किया।
प्रकाशन : ‘जीत का जादू’; ‘इलेक्ट्रॉनिक @ मीडिया.कॉम’, ‘समाचार : एक दृष्‍टि’, ‘संपादन विज्ञान (पत्रकारिता), ‘लेफ्टिनेंट हडसन’, ‘सिम्मड़ सफेद’ (कहानी संग्रह), ‘सफल हिंदी निबंध’ (निबंध संग्रह) समेत 16 पुस्तकें प्रकाशित। 250 से भी अधिक नई परिभाषाएँ विकसित कीं। ‘सी.आर.डी.’ के अध्यक्ष रहे।
सम्मान-पुरस्कार : साहित्य के लिए ‘भारतेंदु हरिशचंद्र पुरस्कार’।

Weight 0.450 kg
Dimensions 8.7 × 5.57 × 1.57 in
  •  Ratneshwar K. Singh
  •  9789382898221
  •  Hindi
  •  Prabhat Prakashan
  •  2013
  •  2018
  •  160
  •  Hard Cover

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