Author – Dale Carnegie
ISBN – 9789352663712
Language – English
Pages – 392
How to Stop Worrying and Start Living- Dale Carnegie
Dale Carnegie
Rs.195.00
Weight | .404 kg |
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Prabhat Prakashan, Religious & Spiritual Literature, प्रेरणादायी पुस्तकें (Motivational books)
Manusmriti Aur Adhunik Samaj
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0 out of 5(0)‘मनुस्मृति’ सामाजिक व्यवस्था, विधि, न्याय एवं प्रशासन-तंत्र पर विश्व की प्राचीनतम पुस्तक है, जो विद्वान् महर्षि मनु द्वारा संस्कृत की पद्यात्मक शैली (श्लोकों) में लिऌा गई है। इस ग्रंथ में मनु ने तत्कालीन समाज में प्रचलित कुरीतियों एवं मनुष्य के स्वभाव का अति सूक्ष्म परिवेक्षण कर मानव-समाज को सुव्यवस्थित, सुऌखी, स्वस्थ, संपन्न, वैभवशाली एवं सुरक्षित बनाने हेतु विविध नियमों का प्रावधान किया है, ताकि नारी व पुरुष, बच्चे व बुजुर्ग, विद्वान् व अनपढ़, स्वस्थ व विकलांग, संपन्न व गरीब, सभी सऌमान एवं प्रतिष्ठा के साथ रह सकें तथा समाज और देश की चतुर्मुऌा उन्नति में अपना प्रशंसनीय योगदान करने में सफल हों।
मनुस्मृति किसी धर्म विशेष की पुस्तक नहीं है। यह वास्तव में मानव-धर्म की पुस्तक है तथा समाज की तत्कालीन स्थिति से परिचित कराती है। समाज की सुव्यवस्था हेतु मनुष्यों के लिए जो नियम अथवा अध्यादेश उपयुत समझे, मनु ने इस मानव-धर्म ग्रंथ में उनका विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया है। इसमें मानवाधिकारों के संरक्षण पर अनेक श्लोक हैं। मनुस्मृति में व्यतियों द्वारा प्राप्त ज्ञान, उनकी योग्यता एवं रुचि के अनुसार उनके कर्म निर्धारित किए गए हैं तथा कर्मानुसार ही प्रत्येक व्यति के अधिकारों, कर्तव्यों, उारदायित्वों एवं आचरणों के बारे में स्पष्ट मत व अध्यादेश अंकित हैं।
सरल-सुबोध भाषा में समर्थ-सशत-समरस समाज का मार्ग प्रशस्त करनेवाला ज्ञान-संपन्न ग्रंथ।
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ACHCHHA BOLNE KI KALA AUR KAMYABI
0 out of 5(0)प्रखर वक्ता होना, ओजस्वी वाणी का स्वामी होना, प्रभावी शैली में श्रोताओं को मंत्र-मुग्ध कर देने की क्षमता जिसमें हो, वह सामान्य व्यक्ति की तुलना में अधिक सफल होने की संभावना रखता है। बातचीत करना भाषण की कला सीखने का सबसे पहला सिद्धांत है। शुरुआती दौर में स्वर एवं अंदाज जैसी कलाओं पर ध्यान देने की आवश्यकता नहीं होती है। बातचीत करना कला को सीखने का पहला सिद्धांत है; अर्थात् बोलिए, वाद-विवाद में हिस्सा लीजिए, अपनी प्रतिभा का स्वयं आकलन कीजिए और दर्शकों की आलोचना से सीखने की कोशिश कीजिए।
सवाल है कि खुद की गलतियों को कैसे समझा जाए? इसके लिए कुछ तथ्यों को समझने की आवश्यकता है—महान् वक्ता में कौन से विशेष गुण होते हैं और उन गुणों को कैसे प्राप्त किया जा सकता है? स्वयं के व्यक्तित्व में ऐसी कौन सी कमी है, जो इन गुणों की प्राप्ति में बाधा बन सकती है? इस विषय पर महान् लेखक डेल कारनेगी की सदाबहार एवं सर्वाधिक पसंद की जानेवाली इस पुस्तक के द्वारा कोई भी सामान्य व्यक्ति दर्शकों के समक्ष बोलने के क्षेत्र में कामयाबी के शिखर तक पहुँच सकता है।SKU: n/a -
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Chuni Hui Kavitayen
0 out of 5(0)कवि-हृदय राजनेता श्री अटल बिहारी वाजपेयी संवेदनशील मन के ओजस्वी रचनाकार हैं। राजनीति में सक्रिय रहते हुए भी उनके संवेदनशील और हृदयस्पर्शी भाव कविताओं के रूप में प्रकट होते रहे। उनकी कविताओं ने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई और पाठकों द्वारा सराही गईं। उनकी कविताओं में स्वाभिमान, देशानुराग, त्याग, बलिदान, अन्याय के प्रति विद्रोह, आस्था एवं समर्पण का भाव है।
प्रस्तुत काव्य संकलन में संकलित कविताएँ इस मायने में वशिष्ट हैं कि ये स्वयं अटलजी द्वारा चयनित हैं। इनका एक अन्य आकर्षक और विशिष्ट पक्ष है इनका प्रस्तुतिकरण। ये कविताएँ सुंदर और कलात्मक हस्तलिपि में तथा ललित-सुंदर भाव-चित्रों से आकंठ सज्जित हैं। कविताओं में स्थित समस्त भाव अपने चित्रित में इस कलात्मकता एवं कुशलता से रचित हैं कि चित्रों को देखकर ही कविताओं का भाव सहज दृष्टिगत हो जाता है।SKU: n/a
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