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Gyanganj [PB]

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ज्ञानगंज साधारण भौगोलिक स्थान नहीं है। यद्यपि यह गुप्त रूप से भूपृष्ठï पर विद्यमान है तथापि इसका वास्तविक स्वरूप काफी दूर है। भौम (भूमि-सम्बन्धी) ज्ञानगंज कैलास के आगे उध्र्व में स्थित है। फिर भी वह साधारण पर्यटकों की गति-विधि से अतीत है। यह सिद्धस्थान तिब्बतीय गुप्त योगियों की भाषा में ज्ञानगंज के नाम से प्रसिद्ध है। अनादिकाल से हिमालय का सम्पूर्ण क्षेत्र भारतीय सन्तों के लिए तपोभूमि रहा है। प्राचीनकाल के ऋषि-मुनि से लेकर आधुनिक काल के अनेक संत-योगी हिमालय के विभिन्न क्षेत्रों में तपस्या करते रहे। इसी हिमालय में तिब्बत नामक एक रहस्यमय प्रदेश है। कविराजजी के कथनानुसार यहाँ अनेक ऐसे मठ और आश्रम हैं जिनके बारे में सभ्य जगत् को जानकारी नहीं है। वे सामान्य पर्यटकों के निकट अलक्ष्य रहते हैं। इन आश्रमों में योग के साथ-साथ विज्ञान की शिक्षा दी जाती है। केवल उच्चकोटि के लोग इन मठों में प्रवेश पाते हैं। ज्ञानगंज के बारे में अनेक पाठकों को उत्सुकता है, उसकी निवृत्ति इस पुस्तक से अवश्य हो जायेगी। इस संकलन में कविराजजी के दो अलख्य लेख प्रकाशित किये जा रहे हैं जो सिद्धभूमि; तथा सिद्धों की भूमि तिब्बत के नाम से प्रकाशित हैं। दोनों ही लेख ज्ञानगंज की महत्ता पर प्रकाश डालते हैं। अनुक्रम : ज्ञानगंज और श्री श्रीविशुद्धानन्द, ज्ञानगंज-रहस्य, देह और कर्म एवं ज्ञानगंज की सारकथा, ज्ञानगंज की पत्रावली, राम ठाकुर की कहानी और कौशिक आश्रम सहित ज्ञानगंज का विवरण, सिद्धभूमि, सिद्धों की भूमि तिब्बत। अनुक्रम ज्ञानगंज और श्री श्रीविशुद्धानन्द ज्ञानगंज-रहस्य देह और कर्म एवं ज्ञानगंज की सारकथा ज्ञानगंज की पत्रावली राम ठाकुर की कहानी और कौशिक आश्रम सहित ज्ञानगंज का विवरण सिद्धभूमि सिद्धों की भूमि तिब्बत

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ज्ञानगंज

Weight .250 kg
Dimensions 8.66 × 5.57 × 1.57 in

AUTHOR : Gopinath Kaviraj
PUBLISHER : Vishwavidyalaya Prakashan
LANGUAGE : Hindi
ISBN : 9788189498658
BINDING : (PB)
PAGES :120

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