AUTHOR : Swami Vigyananand ji
PUBLISHER : Govindram Hasanand
LANGUAGE : English
ISBN : 978-81-7077-236-1
BINDING : Paperback
EDITION : 2018
PAGES : 116
WEIGHT : 150 gm
Gau Mata Vishv ki Prandata
इस पुस्तक को क्यों पढ़ें? – इस पुस्तक के लेखक अपनी विद्वत्ता व खोज के लिए विश्व प्रसिद्ध थे। संसार के सब महाद्वीपों में जहाँ-जहाँ गये वहाँ गऊ की महिमा पर व्याख्यान दिये और गऊ के बारे में गहन अनुसंधान भी करते रहे।
इस पुस्तक के विद्वान लेखक ने धर्म, दर्शन, विज्ञान, अर्थशास्त्र, स्वास्थ्य, चिकित्सा शास्त्र व कृषि विज्ञान आदि सब दृष्टियों से गो-पालन की उपयोगिता पर पठनीय प्रकाश डाला है।
लेखक कई भाषाओं के ऊँचे विद्वान थे। इस पुस्तक में पूर्व और पश्चिम के अनेक विद्वानों व पत्र-पत्रिकाओं को उद्धृत करके अपने विषय व पाठकों से पूरा न्याय किया है। पुस्तक में मौलिकता है, रोचकता है। पुस्तक विचारोत्तेजक है और प्रेरणप्रद शैली में लिखी गई है।
पुस्तक के अनुवादक व सम्पादक ने अपने सम्पादकीय में पाठकों को बहुत ठोस व खोजपूर्ण जानकारी दी है। यह पुस्तक सत्तर वर्ष पूर्व लिखी गई थी। पुराने आँकड़े अप्रासंगिक हो गए थे सो चार नये परिशिष्ठ देकर पाठकों को गो-विषयक नवीनतम अनुसंधान से लाभान्वित किया गया है।
पुस्तक गागर मंे सागर है। गो-पालकों व विचारकों के करोड़ों वर्षों के अनुभवों का इसमें निचोड़ मिलेगा।
Rs.70.00
Weight | 0.150 kg |
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Dimensions | 8.7 × 5.57 × 1.57 in |
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