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Ganga Ke Paar-Aar


गांगेय अंचल में गंगा के पार-आर पानी से निकलनेवाली जमीनों को लेकर हर वर्ष बुआई और कटाई के समय जानलेवा संघर्ष होता रहा है, फिर भी प्रशासन और समाचार माध्यमों से यह सनातन प्रश्‍न अछूता-अनदेखा ही रहा है। गंगा के पार-आर में इन्हीं सवालों पर रोशनी डाली गई है। दोनों किनारों के रहनेवालों के आपसी संबंधों और जीवन व्यापारों का भी इसमें आकलन है।

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Narottam Pandey

जन्म : 24 मार्च, 1943 बिहार के बक्सर जिलांतर्गत रहथुआ ग्राम में।
शिक्षा : एम.ए., एल-एल.बी. (कलकत्ता विश्‍वविद्यालय)।
कृतियाँ : ‘पच्छिम के झरोखे’ (यात्रा वृत्तांत), ‘जो नहीं लौटे’, ‘बाबा की धरती’ तथा ‘गंगा के पार-आर’ (उपन्यास), ‘जाहि राम पद नेह’ (रामायण पर आधारित)।
यात्राएँ : रूस, इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी, स्विट्जरलैंड आदि।
एक कर्मठ व्यक्‍त‌ि‍त्व, एक अरसे तक बक्सर में वकालत तथा लंदन में अवकाश प्राप्‍त।

Weight 0.290 kg
Dimensions 8.7 × 5.57 × 1.57 in
  •  Narottam Pandey
  •  9789383111398
  •  Hindi
  •  Prabhat Prakashan
  •  1
  •  2014
  •  120
  •  Hard Cover

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