Chapter Titles
71: उठने में ही मनुष्यता की शुरुआत है
72: आत्मबोध ही एकमात्र स्वास्थ्य
73: आदमी अकेला है
74: जगत का अपरतम संबंध: गुरु-शिष्य के बीच
75: तुम तुम हो
76: धर्म अनुभव है
77: जितनी कामना, उतनी मृत्यु
78: तृष्णा का स्वभाव अतृप्ति है
79: सत्य सहज आविर्भाव है
80: शब्दों की सीमा, आंसू असीम
81: ध्यान की खेती संतोष की भूमि में
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