Author: SAADAT HASAN MANTO
Format: Paperback
ISBN :99789352292011
Pages: 96
Weight | .250 kg |
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Dimensions | 7.50 × 5.57 × 1.57 in |
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Literature & Fiction, Prabhat Prakashan, अन्य कथा साहित्य, ऐतिहासिक उपन्यास
Shivaji Maharaj The Greatest
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0 out of 5(0)छत्रपति शिवाजी महाराज अप्रतिम थे। उनका पराक्रम, कूटनीति, दूरदृष्टि, साहस व प्रजा के प्रति स्नेहभाव अद्वितीय है। सैन्य-प्रबंधन, रक्षा-नीति, अर्थशास्त्र, विदेश-नीति, वित्त, प्रबंधन— सभी क्षेत्रों में उनकी अपूर्व दूरदृष्टि थी, जिस कारण वे अपने समकालीन शासकों से सदैव आगे रहे। राष्ट्रप्रेम से अनुप्राणित उनका जीवन सबके लिए प्रेरणा का स्रोत है और अनुकरणीय भी। छत्रपति शिवाजी महाराज ने ‘हिंदवी स्वराज’ की अवधारणा दी; अपनी अतुलनीय निर्णय-क्षमता और सूझबूझ व अविजित पराक्रम के बल पर मुगल आक्रांताओं के घमंड को चूर-चूर कर दिया; अपनी लोकोपयोगी नीतियों से जनकल्याण किया। शिवाजी महाराज की तुलना सिकंदर, सीजर, हन्नीबल, आटीला आदि शासकों से की जाती है। यह पुस्तक उस अपराजेय योद्धा, कुशल संगठक, नीति-निर्धारक व योजनाकार की गौरवगाथा है, जो उनके गुणों को ग्राह्य करने के लिए प्रेरित करेगी।
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Dilli Dange 2020: Ankahi Kahani
0 out of 5(0)पुस्तक दिल्ली दंगे 2020 – एक अनकही कहानी, फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए दंगों पर शोध आधारित तथ्यात्मक सामग्री है। इस सामग्री को लेखकों और उनकी टीम द्वारा तब एकत्र किया गया जब वह उत्तर पूर्व दिल्ली के दंगा प्रभावित क्षेत्रो में बात करने गईं और उन लोगों ने दंगा पीड़ित परिवारों से बातचीत की। जो शोधकर्ता टीम थी उसने हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही प्रभावित पक्षों से बात की और इसके साथ ही वह लोग दोनों ही समुदायों के उन सभी धार्मिक नेताओं से मिले जिन्होनें स्थिति को संतुलित करने और हालातों को सम्भालने की कोशिश की। इस पुस्तक में आठ अध्याय हैं जो धरना से दंगा मॉडल तक की प्रमाण और तथ्य आधारित कहानी को बताते हैं, जिनकी योजना दिल्ली में बैठे अर्बन नक्सल और जिहादी तत्वों ने बनाई और फिर उसे लागू किया। इस पुस्तक की मुख्य थीम में से एक थीम है नागरिकता संशोधन क़ानून के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों की आड़ में उत्तर पूर्वी दिल्ली का सुलग उठना और समुदायों के बीच जो सौहार्द था उसे खत्म करना। यह पुस्तक हमें उस नफरत और हिंसा की झलक दिखाती है जो दो समुदायों के बीच भड़की और जिसने दशकों से चले आ रहे आपसी भाई चारे और सौहार्द के रिश्तों को जलाकर राख कर दिया। यह पुस्तक हिंसा के पीछे के प्लाट को बताती है, कि इसकी कैसे योजना बनाई गई और कैसे एक एक कर घटनाएँ हुईं। इस पुस्तक में जाफराबाद में 23 फरवरी 2020 को हुई की घटनाओं का वर्णन है जिसने अगले दिन इस इलाके में दंगों की भूमिका तैयार कर दी थी। यह दिखाती है कि कैसे उत्तर पूर्व दिल्ली में महिला सशक्तिकरण की आड़ में नरसंहार की योजना बनाई गयी थी। यह पुस्तक अर्बन-नक्सल-जिहादी गठजोड़ के सिद्धांतों को बताती है जो उनके खुद के दस्तावेज और साहित्य में दिया गया है। इस पुस्तक को इसलिए भी अवश्य पढ़ा जाना चाहिए क्योंकि यह इस देश के नागरिकों को यह भी दिखाती है कि कैसे उनकी आतंरिक सुरक्षा को कट्टरपंथी विचारधाराओं द्वारा रोज़ चुनौती दी जा रही है, कैसे यह कट्टर विचारधाराएं उनकी सुरक्षा के लिए खतरा बन गईं हैं।
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Delhi Dange : Sazish ka Khulasa
0 out of 5(0)सामने आ रहा है, दिल्ली दंगों का सच : धीरे-धीरे
‘अपनी योजना के तहत 24 फरवरी को हमने कई लोगों को बुलाया और उन्हें बताया कि कैसे पत्थर, पेट्रोल बम और एसिड बोतल फेंकने हैं। मैंने अपने परिवार को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया। 24 फरवरी, 2020 को दोपहर करीब 1.30 बजे हमने पत्थर फेंकना शुरू कर दिया।’
आम आदमी पार्टी से निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन के इस बयान को सुनकर वे लोग चौंक सकते हैं जो आम आदमी पार्टी के चरित्र से परीचित नहीं हो। आम आदमी पार्टी ने मसजिदों और मदरसों के अपने अच्छे नेटवर्क और ताहिर हुसैन अमानतुल्ला खान जैसे नेताओं के दम पर ही पूरी दिल्ली के एकएक मुसलमान का वोट हासिल कर लिया था। जिसके बदले में मानों उत्तरपूर्वी दिल्ली को आग में झोंक देने का लाइसेंस समुदाय विशेष को दे दिया था।
अब जब उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों पर चार्जशीट दिल्ली पुलिस तैयार कर चुकी है। उसके बाद 23 फरवरी को मौजपुर से भड़के हिंदू विरोधी दंगों को याद करते हुए, जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, गोकुलपुरी, करावल नगर, भजनपुरा, यमुना विहार में आग की तरह फैली उस हिंसा को सी.ए.ए. के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा से अलग करके देखना भूल होगी। शाहीन बाग, जामिया नगर, सीलमपुर में सी.ए.ए. के विरोध में फैलाई गई हिंसा, वास्तव में बड़े दंगे का पूर्वाभ्यास ही थी। जिस बड़े दंगे को उत्तरपूर्वी दिल्ली में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आगमन पर 23-26 फरवरी, 2020 तक अंजाम दिया गया।
इस हिंसा के लिए 4 फरवरी से ही कई घरों में कबाड़ी से शराब और कोल्ड ड्रिंक की खाली बोतलें, पत्थर लेकर छत पर इकट्ठा करना शुरू कर दिया गया था। मुस्लिम समुदाय ने अपनी गाडि़यों में फुल पेट्रोल, डीजल भरकर रख लिया था ताकि बोतलों में पेट्रोल डीजल भरकर बम की तरह उसे वक्त आने पर इस्तेमाल किया जा सके।
मुस्लिम परिवारों में ऐसे परचे दंगों से पहले बाँट दिए गए जिसमें दंगों की स्थिति में हिंदूओं से निपटने की तरकीब लिखी गई थी। इन सारी बातों को देखने के बाद यह समझना कोई रॉकेट साइंस नहीं है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में होनेवाले दंगों के लिए यमुना पार का मुस्लिम समुदाय पहले से तैयार था। जबकि हिंदूओं को इससे सँभलने का बिलकुल मौका नहीं मिला।
अब धीरे-धीरे दिल्ली दंगों की साजिश का सच सामने आ रहा है, जिसकी वजह से वामपंथी इको सिस्टम का झूठ चल नहीं पा रहा।SKU: n/aRs.125.00
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