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DHYAN KE KAMAL


प्रस्‍तुत पुस्‍तक के प्रवचनों के माध्‍यम से हम ध्‍यान की जिस भावदशा में प्रविष्‍ट हो सकते हैं उसकी पूर्व तैयारी के लिए ओशो हमें ध्‍यान के कुछ ऐसे प्रयोगों में उतारते हैं जिन्‍हें करने के पश्‍चात हम विश्रांति की झील बन जाते हैं और प्रतीक्षा करते हैं चेतना के कमल के खिलने की। कहीं पर ओशो ने समर्पण के लिए भी संकल्‍प के प्रयोग की चर्चा की है तो कहीं कीर्तन का उपयोग रेचन के लिए किया है। शरीर से तादात्‍म्य तोड़ने के छोटे-छोटे प्रयोग हैं जिनमें सबसे अधिक बल उन्‍‍होंने श्‍वास पर दिया है। वे कहते हैं कि श्‍वास पर जोर देने पर शरीर में छिपा हुआ ‍विद्युत-स्रोत सजग हो उठता है। और शरीर मिट्टी-मांस-मज्‍जा का नहीं वरन विद्युत किरणों से निर्मित है और यह बायो-एनर्जी, जीव-ऊर्जा ईंधन का काम करती है और ध्‍यान की कुंजी हाथ लगती है—ध्यानं निर्विषयं मन:।

Rs.300.00

विषय सूची
प्रवचन 1 : ध्यान : एक बड़ा दुस्साहस

प्रवचन 2 : ध्यान : एक गहन मुमुक्षा

प्रवचन 3 : ध्यान : मनुष्य की आत्यंतिक संभावना

प्रवचन 4 : ध्यान : जीवन की बुनियाद

प्रवचन 5 : ध्यान : द्वैत से अद्वैत की और

प्रवचन 6 : ध्यान : प्रभु के द्वार में प्रवेश

प्रवचन 7 : ध्यान : प्रकाश का जगत

प्रवचन 8 : ध्यान : मन की मृत्यु

प्रवचन 9 : ध्यान : चुनावरहित सजगता

प्रवचन 10: ध्यान : जीवन में क्रांति

Weight .550 kg
Dimensions 8.66 × 5.57 × 1.57 in

AUTHOR: OSHO
PUBLISHER: Osho Media International
LANGUAGE: Hindi
ISBN: 9788172611408
COVER: HB
WEIGHT :550 GM

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