AUTHOR: Shri Sunil Sharma
Publisher: Govindram Hasanand
LANGUAGE: Hindi
ISBN: NA
COVER: HB
Pages:88
Govindram Hasanand Prakashan, Hindi Books, इतिहास
Desh ke Dulare
संस्कृत का एक श्लोक कहता है-‘वह माता शत्रु है, वह पिता वैरी है, जो बालक-बालिका को शिक्षा नहीं दिलाता।‘ किंतु, शिक्षा या पढ़ाई-लिखाई कैसी हो? बेमतलब की मार-धाड़ से भरपूर कहानियाँ कितनी भी रोमांचक हों, फूल-जैसे बच्चों को रास्ते से भटका देती हैं।
बच्चों के लिए बहुत सावधानी से पुस्तकों का चुनाव करना चाहिए। देश की आजादी के लिए अपने जीवन भेंट चढ़ानेवालों के संघर्ष पर ध्यान दें, तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं। यदि रोमांचक साहित्य ही बच्चों को प्रिय है, तो उन्हें क्रान्तिकारियों की जीवनियाँ पढ़ने को दें। बच्चे हों या प्रौढ़ हों, यदि उन्हें देश के दुलारे बनाना तो यह पुस्तक उन्हें चाव से भेंट करें।
Rs.40.00
Weight | 0.210 kg |
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Dimensions | 8.7 × 5.57 × 1.57 in |
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