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Chhattisgarh ke LokJeevan Mein Ram


संत तुलसीदास के राम एक थे, दुष्टता का पर्याय रावण एक था। उस समय की रामायण बहुत सरल थी और आज की रामायण? वर्तमान की रामायण उस रामायण से कहीं ज्यादा कठिन है, यही बात कवि की इस “ इतने राम कहा से लाऊँ” में दिखाई देता है। और यह सच है कि ‘ राम कि एक अवधी निश्चित थी, अपने दिवस अनिश्चित हैं। छत्तीसगढ़ के निवासियों में राम-राम, जय राम, सीताराम का अभिवादन सुनकर स्पष्ट हो जाता है कि राम कहना हमारी जिह्वा का स्वभाव है और स्वभाव इसलिए है क्योंकि राम छत्तीसगढ़ कि आत्मा में बसे हुए हैं।

Rs.600.00

Author – Edited by Ajay Atpatoo
ISBN – 9789352290932
Lang. – Hindi
Pages –192
Binding – Hardcover

Weight .650 kg
Dimensions 7.87 × 5.51 × 1.57 in

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