बृहत् प्रामाणिक हिन्दी कोश
Weight | 1.350 kg |
---|---|
Dimensions | 10.03 × 7.68 × 4 in |
AUTHOR : Badari Nath Kapoor
Ramchandra Verma
PUBLISHER : Vishwavidyalaya Prakashan
LANGUAGE : Hindi
ISBN : 9788180316326
BINDING : (HB)
EDITION : 2017 – 13th Edition
PAGES : 1122
Based on 0 reviews
Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.
Related products
-
Hindi Books, Prabhat Prakashan, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, वेद/उपनिषद/ब्राह्मण/पुराण/स्मृति
Vedon Ki Kathayen- Harish Sharma
Hindi Books, Prabhat Prakashan, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, वेद/उपनिषद/ब्राह्मण/पुराण/स्मृतिVedon Ki Kathayen- Harish Sharma
0 out of 5(0)कहते हैं धर्म वेदों में प्रतिपादित है। वेद साक्षात् परम नारायण है। वेद में जो अश्रद्धा रखते हैं, उनसे भगवान् बहुत दूर हैं। वेदों का अर्थ है—भिन्न-भिन्न कालों में भिन्न-भिन्न व्यक्तियों द्वारा आविष्कृत आध्यात्मिक सत्यों का संचित कोष। वास्तव में जीवन को सुंदर व साधक बनानेवाला प्रत्येक विचार ही मानो वेद है। मैक्स म्यूलर का तो यहाँ तक कहना था कि वेद मानव जाति के पुस्तकालय में प्राचीनतम ग्रंथ हैं।
वेद संख्या में चार हैं—ऋग्वेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद और सामवेद। वेद का शाब्दिक अर्थ है ‘ज्ञान’ या ‘जानना’। ये हमारे ऋषि-तपस्वियों की निष्कपट, निश्छल भावना की अभिव्यक्ति हैं। इनमें जीवन को सद्मार्ग पर प्रशस्त करने का आह्वान है। इतना ही नहीं, वेदों में आत्मा-परमात्मा, देवी-देवता, प्रकृति, गृहस्थ-जीवन, सृष्टि, लोक-परलोक के साथ-साथ नाचने-गाने आदि की बातें भी निहित हैं। इन सबका एक ही उद्देश्य है—मानव-कल्याण।
एक ओर जहाँ वेदों में ईश-भक्ति और अध्यात्म की महिमा गाई गई है, वहीं दूसरी ओर कर्म को ही कल्याण का मार्ग कहा गया है।
वेद हमारे अलौकिक ज्ञान की अनुपम धरोहर हैं। अत: इनके प्रति जन-सामान्य की जिज्ञासा होना स्वाभाविक है, इसलिए वेदों के गूढ़ ज्ञान को हमने कथारूप में पाठकों के समक्ष प्रस्तुत किया है। इन कथा-कहानियों के माध्यम से सुधी पाठक न केवल इन्हें पढ़-समझ सकते हैं, बल्कि पारंपरिक वैदिक ज्ञान को आत्मसात् कर लोक-परलोक भी सुधार सकते हैं।SKU: n/a -
Prabhat Prakashan, Religious & Spiritual Literature, प्रेरणादायी पुस्तकें (Motivational books)
Manusmriti Aur Adhunik Samaj
Prabhat Prakashan, Religious & Spiritual Literature, प्रेरणादायी पुस्तकें (Motivational books)Manusmriti Aur Adhunik Samaj
0 out of 5(0)‘मनुस्मृति’ सामाजिक व्यवस्था, विधि, न्याय एवं प्रशासन-तंत्र पर विश्व की प्राचीनतम पुस्तक है, जो विद्वान् महर्षि मनु द्वारा संस्कृत की पद्यात्मक शैली (श्लोकों) में लिऌा गई है। इस ग्रंथ में मनु ने तत्कालीन समाज में प्रचलित कुरीतियों एवं मनुष्य के स्वभाव का अति सूक्ष्म परिवेक्षण कर मानव-समाज को सुव्यवस्थित, सुऌखी, स्वस्थ, संपन्न, वैभवशाली एवं सुरक्षित बनाने हेतु विविध नियमों का प्रावधान किया है, ताकि नारी व पुरुष, बच्चे व बुजुर्ग, विद्वान् व अनपढ़, स्वस्थ व विकलांग, संपन्न व गरीब, सभी सऌमान एवं प्रतिष्ठा के साथ रह सकें तथा समाज और देश की चतुर्मुऌा उन्नति में अपना प्रशंसनीय योगदान करने में सफल हों।
मनुस्मृति किसी धर्म विशेष की पुस्तक नहीं है। यह वास्तव में मानव-धर्म की पुस्तक है तथा समाज की तत्कालीन स्थिति से परिचित कराती है। समाज की सुव्यवस्था हेतु मनुष्यों के लिए जो नियम अथवा अध्यादेश उपयुत समझे, मनु ने इस मानव-धर्म ग्रंथ में उनका विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया है। इसमें मानवाधिकारों के संरक्षण पर अनेक श्लोक हैं। मनुस्मृति में व्यतियों द्वारा प्राप्त ज्ञान, उनकी योग्यता एवं रुचि के अनुसार उनके कर्म निर्धारित किए गए हैं तथा कर्मानुसार ही प्रत्येक व्यति के अधिकारों, कर्तव्यों, उारदायित्वों एवं आचरणों के बारे में स्पष्ट मत व अध्यादेश अंकित हैं।
सरल-सुबोध भाषा में समर्थ-सशत-समरस समाज का मार्ग प्रशस्त करनेवाला ज्ञान-संपन्न ग्रंथ।
SKU: n/a -
Hindi Books, Prabhat Prakashan, रामायण/रामकथा
Ramayana Ki Kahaniyan- Harish Sharma
0 out of 5(0)‘रामायण’ भारतीय पौराणिक ग्रंथों में सबसे पूज्य एवं जन-जन तक पहुँच रखनेवाला ग्रंथ है। रामकथा की पावन गंगा सदियों से हिंदू जन-मानस में प्रवाहित होती रही है। भारत ही नहीं, संसार भर में बसनेवाले हिंदू रामायण के प्रति अगाध श्रद्धा रखते हैं।
रामकथा का प्रसार और प्रभाव इतना व्यापक है कि इससे संबंधित कथाओं-उपकथाओं की चर्चा बड़ी श्रद्धा के साथ की जाती है। रामकथा इतनी रसात्मक है कि बार-बार सुनने-जानने को मन सदैव उत्सुक रहता है।
विद्वान् लेखक ने पुस्तक को इस उद्देश्य के साथ लिखा है कि हमारी नई पीढ़ी भारतीय संस्कार, आदर्श एवं जीवन-मूल्यों को आत्मसात् कर सके। इन कहानियों में पर्वतों, नदियों, नगरों, योद्धाओं के पराक्रम, शस्त्रास्त्रों एवं दिव्यास्त्रों, मायावी युद्धों के साथ-साथ ऋषियों, महर्षियों एवं राजर्षियों के पावन चरित्रों का वर्णन अत्यंत सरल भाषा में किया गया है।
विश्वास है, प्रस्तुत पुस्तक को पढ़कर इसके आदर्शों, सदाचारों एवं सद्गुणों का अपने जीवन में अनुकरण-अनुसरण करेंगे।SKU: n/a
There are no reviews yet.