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Bleeding India (HINDI)/ रक्तरंजित भारत: चार आक्रान्ता, हजार घाव


बिनय कुमार सिंह की रक्तरंजित भारत: चार आक्रान्ता, हजार घाव आज के भारत में यहाँ की हजारों वर्ष पुरानी सभ्यता एवं परम्पराओं के विरुद्ध, तथा आज के आधुनिक युग में प्रगति के पथ पर तेजी से बढ़ते हुए कदमों को वो कौन सी चौकड़ी है जो इन प्रयासों पर पानी फेरना चाह रही है, इसका तथ्यपरक विवरण एवं विश्लेषण है। ये शक्तियाँ हैं—इस्लामिक आतंकवाद, ईसाई इंजीलवाद (Evangelism), वामपंथ और मीडिया-एनजीओ-मानव-अधिकार संगठनों का गठजोड़।

Rs.349.00

भारत और आस-पास के देशों पिछले कुछ वर्षों में हुई छः घटनाओं की गहरी पड़ताल, तथा इन संगठनों को भारत के बाहर से मिलने वाली आर्थिक सहायता और इन सभी शक्तियों के आपस में जुड़े होने के प्रमाण के साथ, लेखक ने स्पष्ट किया है कि भारत को अपनी ही सीमाओं के अंदर किनसे खतरा है; और हमें किनसे सचेत रहना चाहिए। ये घटनाएँ—चाहे वो पीएफआई (PFI) की गतिविधियाँ हो, झारखंड में ‘पथलगड़ी’ हो, या फिर श्री लंका में हुए बम धमाके—एक दूसरे से अलग दिखते भी अलग-अलग नहीं है।

ये पुस्तक बिनय जी लोकप्रिय अंग्रेजी पुस्तक Bleeding India: Four Aggressors, Thousand Cuts का हिंदी संस्करण है।

Weight 0.300 kg
Dimensions 8.7 × 5.51 × 1.57 in

Author – Binay kumar Singh
ISBN – 9781942426790
Language – Hindi
Binding- Paperback
Pages- 236

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