Patanjali-Divya Prakashan
Bhojankutuhalam (English)
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Pandit Raghunath Suri wrote this granth in 17th century, which is a collection of all the information related to food. This can be considered as the encyclopedia for attaining the knowledge related to benefits of food. Further, it also includes the recipes of different variety of food items for healthy lifestyle. It comprises interesting and ancient ways of eating food. Moreover, Bhojankutuhalam is a perfect blend of cookery and Ayurveda which is very helpful for common men. This is the first attempt to publish this kind of ancient manuscript.
Rs.600.00
Out of stock
Weight | 1.100 kg |
---|---|
Dimensions | 9 × 6 × 2.1 in |
Publisher- Patanjali-Divya Prakashan
Lang. –English
Pages –575
Binding – PB
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‘हिंदुत्व’ शब्द में एक राष्ट्र, हिंदूजाति के अस्तित्व तथा पराक्रम के सम्मिलित होने का बोध होता है। इसीलिए ‘हिंदुत्व’ शब्द का निश्चित आशय ज्ञात करने के लिए पहले हम लोगों को यह समझना आवश्यक है कि ‘हिंदू’ किसे कहते हैं। इस शब्द ने लाखों लोगों के मानस को किस प्रकार प्रभावित किया है तथा समाज के उत्तमोत्तम पुरुषों ने, शूर तथा साहसी वीरों ने इसी नाम के लिए अपनी भक्तिपूर्ण निष्ठा क्यों अर्पित की, इसका रहस्य ज्ञात करना भी आवश्यक है।
प्रखर राष्ट्रचिंतक एवं ध्येयनिष्ठ क्रांतिधर्मा वीर सावरकर की लेखनी से निःसृत ‘हिंदुत्व’ को संपूर्णता में परिभाषित करती अत्यंत चिंतनपरक एवं पठनीय पुस्तक।SKU: n/a -
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