Author- Anoop Gaur
ISBN – 9789351867494
Language – Hindi
Pages – 136
Author- Anoop Gaur
ISBN – 9789351867494
Language – Hindi
Pages – 136
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भारतीय क्रांतिकारी इतिहास में स्वातंत्रवीर विनायकदामोदर सावरकर का व्यक्तित्व अप्रतिम गुणों का द्योतक है। ‘सावरकर’ शब्द ही अपने आपमें पराक्रम, शौर्य औरउत्कट देशभक्ति का पर्याय है। अपनी आत्मकथा मेरा आजीवन कारावास में उन्होंने जेल-जीवन की भीषण यातनाओं- ब्रिटिश सरकार द्वारा दो-दो आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद अपनी मानसिक स्थिति, भारत की विभिन्न जेलों में भोगी गई यातनाओं और अपमान, फिर अंडमान भेजे जाने पर जहाज पर कैदियों की यातनामय नारकीय स्थिति, कालापानी पहुँचने पर सेलुलर जेल की विषम स्थितियों, वहाँ के जेलर बारी का कूरतम व्यवहार, छोटी-छोटी गलतियों पर दी जानेवाली अमानवीय शारीरिक यातनाएँ यथा-कोडे लगाना, बेंत से पिटाई करना, दंडी-बेड़ी लगाकर उलटा लटका देना आदि का वर्णन मन को उद्वेलित करदेनेवाला है। विषम परिस्थितियों में भी कैदियों में देशभक्ति और एकता की भावना कैसे भरी, अनपढ़ कैदियों को पड़ाने का अभियान कैसे चलाया, किस प्रकार दूसरे रचनात्मक कार्यो को जारी रखा तथा अपनी दृढ़ता और दूरदर्शिता से जेल के वातावरण को कैसे बदल डाला, कैसे उन्होंने अपनी खुफिया गतिविधियों चलाई आदि का सच्चा इतिहास वर्णित है।
इसके अतिरिक्त ऐसे अनेक प्रसंग, जिनको पढ़कर पाठकउत्तेजित और रोमांचित हुए बिना न रहेंगे। विपरीत-से-विपरीत परिस्थिति में भी कुछ अच्छा करने की प्रेरणा प्राप्त करते हुए आप उनके प्रति श्रद्धानत हुएबिनान रहेंगे।
जीवन वृक्ष — डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम केवल एक योग्य व प्रतिष्ठित वैज्ञानिक ही नहीं बल्कि एक संवेदनशील और विचारशील कवि भी हैं। वैज्ञानिक उत्कृष्टता और काव्यमय प्रतिभा का यह संगम वास्तव में अद्भुत है।
इस काव्य-संग्रह की रचनाओं में भारत और इसकी समृद्ध संस्कृति के प्रति डॉ. कलाम का विशेष प्रेम देखने को मिलता है। ईश्वर और अपनी मातृभूमि के प्रति इनके समर्पण और मानवता के प्रति अनुराग की भी इनकी कविताओं में अद्भुत अभिव्यक्ति है। अपनी क्षमता और उपलब्धियों को ईश्वर की देन मानते हुए उन्होंने उन्हें भारतवासियों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया है। अपनी कविताओं के माध्यम से उन्होंने नि:स्वार्थ सेवा, समर्पण और सच्चे विश्वास का संदेश दिया है।
भारतीय समाज को गहराई से जाननेवाले डॉ. कलाम अनुकंपा, तटस्थ भाव, धैर्य और सहानुभूति से समस्याओं का समाधान ढूँढ़ने की कोशिश करते हैं।
जीवन के विविध रंगों और माननीय संवेदना से सज्जित डॉ. कलाम की कविताओं का यह वृक्ष एक नया विश्वास, नई छाया, नई आशाओं का संचार करेगा।
‘हिंदुत्व’ एक ऐसा शब्द है, जो संपूर्ण मानवजाति के लिए आज भी अपूर्व स्फूर्ति तथा चैतन्य का स्रोत बना हुआ है। इस शब्द से संबद्ध विचार, महान् ध्येय, रीति-रिवाज तथा भावनाएँ कितनी विविध तथा श्रेष्ठ हैं। ‘हिंदुत्व’ कोई सामान्य शब्द नहीं है। यह एक परंपरा है। एक इतिहास है। यह इतिहास केवल धार्मिक अथवा आध्यात्मिक इतिहास नहीं है। अनेक बार ‘हिंदुत्व’ शब्द को उसी के समान किसी अन्य शब्द के समतुल्य मानकर बड़ी भूल की जाती है। वैसे यह इतिहास मात्र नहीं है, वरन् एक सर्वसंग्रही इतिहास है। ‘हिंदू धर्म’, यह शब्द ‘हिंदुत्व’ से ही उपजा उसी का एक रूप है, उसी का एक अंश है।
‘हिंदुत्व’ शब्द में एक राष्ट्र, हिंदूजाति के अस्तित्व तथा पराक्रम के सम्मिलित होने का बोध होता है। इसीलिए ‘हिंदुत्व’ शब्द का निश्चित आशय ज्ञात करने के लिए पहले हम लोगों को यह समझना आवश्यक है कि ‘हिंदू’ किसे कहते हैं। इस शब्द ने लाखों लोगों के मानस को किस प्रकार प्रभावित किया है तथा समाज के उत्तमोत्तम पुरुषों ने, शूर तथा साहसी वीरों ने इसी नाम के लिए अपनी भक्तिपूर्ण निष्ठा क्यों अर्पित की, इसका रहस्य ज्ञात करना भी आवश्यक है।
प्रखर राष्ट्रचिंतक एवं ध्येयनिष्ठ क्रांतिधर्मा वीर सावरकर की लेखनी से निःसृत ‘हिंदुत्व’ को संपूर्णता में परिभाषित करती अत्यंत चिंतनपरक एवं पठनीय पुस्तक।
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