Aparwad (Tippani Anuwad Sahit)
अपरवाद (टिप्पणनुवादसाहित)
पण्डित मधुसूदन ओझा ग्रन्थमाला – 3
Aparwad (Tippani Anuwad Sahit)
अपरवाद (टिप्पणनुवादसाहित)
पण्डित मधुसूदन ओझा ग्रन्थमाला – 3
Weight | .289 kg |
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Dimensions | 8.66 × 5.57 × 1.57 in |
Author : Madhusudan Ojha, Ganeshilal Suthar
Language : Sanskrit, Hindi
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THE AUTHOR
संदीप देव
संदीप देव मूलतः समाज शास्त्र और इतिहास के विद्यार्थी हैं | बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से स्नातक (समाजशास्त्र) करने के दौरान न केवल समाजशास्त्र, बल्कि इतिहास का भी अध्ययन किया है । मानवाधिकार से परास्नातक की पढ़ाई करने के दौरान भी मानव जाति के इतिहास के अध्ययन में इनकी रुचि रही है । वीर अर्जुन, दैनिक जागरण, नईदुनिया, नेशनलदुनिया जैसे अखबारों में 15 साल के पत्रकारिता जीवन में इन्होंने लंबे समय तक क्राइम और कोर्ट की बीट कवर किया है । हिंदी की कथेतर (Non-fiction) श्रेणी में संदीप देव भारत के Best sellers लेखकों में गिने जाते हैं । इनकी अभी तक 9 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं । संदीप देव भारत में Bloombury Publishing के पहले मौलिक हिंदी लेखक थे, लेकिन वैचारिक कारणों से इन्होंने Bloombury से अपनी अब तक प्रकाशित सभी पुस्तकें वापस ले ली हैं । ऐसा करने वाले वो देश के एक मात्र लेखक हैं | इसके उपरांत कपोत प्रकाशन को पुनः प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया। वर्तमान में संदीप देव हिंदी के एकमात्र लेखक हैं, जिनकी पुस्तकों ने बिक्री में लाख के आंकड़ों को पार किया है | संदीप देव indiaspeaksdaily.com के संस्थापक संपादक हैं ।
पुस्तक में 2019 के लोकसभा चुनाव में मतदान से पहले, मतदान के दौरान और मतदान के बाद राजनीतिक हिंसा का विस्तार से वर्णन किया गया है। 2019 में राजनीतिक हिंसा में मारे गए लोगों और घायलों के उदाहरण रक्तरंजित बंगाल के प्रमाण दे रहे हैं। राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई में आतंक फैलाने के लिए कैसे जगह-जगह घरों को फूंका गया। राजनीतिक संघर्ष को लेकर हुई बमबाजी और गोलीबारी से शहर और गांवों के लोग कैसे पूरे साल दहलते रहे। बढ़ती राजनीतिक हिंसा के साथ ही पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी का बढ़ता जनाधार, वामदलों के साथ कांग्रेस का सिमटता आधार और तृणमूल कांग्रेस की वोटों के लिए तुष्टीकरण नीति का गहराई से आकलन किया गया है। राजनीति में अवैध हथियारों और काला धन के बढ़ते प्रभाव को उजागर किया गया है। राजनीति चमकाने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा सुप्रीम कोर्ट, केंद्र सरकार, राज्यपालों, चुनाव आयोग और सुरक्षा बलों पर हमलों का सटीक विश्लेषण।
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