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ANANT KI PUKAR


यह पुस्तक अपने-आप में अनूठी है, अद्वितीय है। यहां ओशो अपने कार्य, उसकी रूप-रेखा और उसके व्यावहारिक पहलुओं पर बात करते हैं, और साथ ही उन सबको भी संबोधित करते हैं जो इस कार्य का हिस्सा होना चाहते हैं। ओशो बताते हैं कि किस प्रकार इस कार्य में सहभागी होना आत्म-रूपांतरण की एक विधि बन सकता है, और कहां-कहां हम चूक सकते हैं, कैसे इस चूकने से बच सकते हैं। ओशो कहते हैं, किसी को कोई संदेश-वाहक नहीं बनना है। संदेश को जीना है, स्वयं संदेश बनना है। तब तुम एक रूपांतरण से गुजरोगे और तुम्हारा होना मात्र ही संदेश को उन सब तक पहुंचा देगा जो प्यासे हैं।

Rs.400.00

विषय सूची
प्रवचन 1 : ध्यान-केंद्र की भूमिका

प्रवचन 2 : एक एक कदम

प्रवचन 3 : कार्यकर्ता की विशेष तैयारी

प्रवचन 4 : ‘मैं’ की छाया है दुख

प्रवचन 5 : अवधिगत संन्यास

प्रवचन 6 : संगठन और धर्म

प्रवचन 7 : ध्यान-केंद्र के बहुआयाम

प्रवचन 8 : रस और आनंद से जीने की कला

प्रवचन 9 : धर्म की एक सामूहिक दृष्टि

प्रवचन 10 : कार्यकर्ता का व्यक्तित्व

प्रवचन 11 : ध्यान-केंद्र : मनुष्य का मंगल

प्रवचन 12 : काम के नए आयाम

प्रवचन 13 : संगठन अनूठा और क्रांतिकारी

Weight .330 kg
Dimensions 8.66 × 5.57 × 1.57 in

AUTHOR: OSHO
PUBLISHER: Osho Media International
LANGUAGE: Hindi
ISBN: 9788172611514
PAGES: 220
COVER: PB
WEIGHT :330 GM

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