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राजपूतों की गौरव गाथा | Rajputon ki Gaurav Gatha


ये ठाकुर रघुबीरसिंहजी के बड़े पुत्र है। इनकी शिक्षा सेन्ट जेवियर स्कूल जयपुर तथा सादूल पब्लिक स्कूल बीकानेर में हुई है। ये डूँगर कॉलेज बीकानेर छात्र संघ के महासचिव रहे और ग्वालियर राजमाता सिंधिया से छात्रसंघ का उदघाटन करवाया। कॉलेज में महाराजा डूंगरसिंह की प्रतिमा लगाकर केन्द्रीय पर्यटन मंत्री महाराजा डॉ. करणसिंह कश्मीर से उसका अनावरण करवाया। इन्होंने बीकानेर में वीर दुर्गादास राठौड़ का स्मारक बनाया, जिसका प्रधानमंत्री श्री चन्द्रशेखर ने 05.04.1991 ई. को अनावरण किया। 1975ई. में ये राजस्थान सरकार के एक उपक्रम में अधिकारी लगे और इसी साल इन्होंने भगवान बुद्ध का गुरुदेव गोयनका जी द्वारा उपदेशित धर्म ग्रहण किया और 1986 में विपश्यनाध्यान के आचार्य बने। इन्होंने गोयनका जी और संघ के साथ भगवान बुद्ध के सभी तीर्थ किए एवं 2004ई. में बर्मा म्यान्मार देश की पूज्य गुरुदेव गोयनका जी के संघ के साथ 13 दिन की धर्म यात्रा की वहाँ World Buddhist Summit में भाग लिया इन्होंने निम्न पुस्तकें लिखी :-

1. बीदावत राठौड़ों का इतिहास 1987ई.
2. राजपूतों की गौरवगाथा
3. Dhamma Ashok
4. बीदावत राठौड़ का बृहत-इतिहास

Rs.400.00

राजपूतों की गौरव गाथा | Rajputon ki Gaurav Gatha

Weight .560 kg
Dimensions 7.50 × 5.57 × 1.57 in

Author: Rajendra Singh Rathore
Language: Hindi
Edition: 2018
ISBN: 9789385593404
Publisher: RG GROUP

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