Ramnaresh Kushwaha
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Hindi Books, Prabhat Prakashan, धार्मिक पात्र एवं उपन्यास, सनातन हिंदू जीवन और दर्शन
Sanskriti Se Nikalati Rahen
-10%Hindi Books, Prabhat Prakashan, धार्मिक पात्र एवं उपन्यास, सनातन हिंदू जीवन और दर्शनSanskriti Se Nikalati Rahen
हमारा देश अनेक धर्मों एवं जातियों में विभक्त है और सैकड़ों पंथ अपने-अपने दृष्टिकोण से समाज को सुदृढ़ बनाने में प्रयासरत हैं। पर आज भी हमारा समाज अनेक कुरीतियों से ग्रस्त है और आएदिन मनुष्य लालचवश तंत्र-मंत्र एवं तांत्रिकों के चक्कर में फँसकर धन-हानि क्या, प्राण-हानि तक कर डालता है। बाह्य सुख-सुविधाएँ अधिक-से-अधिक प्राप्त करने की जैसे होड़ लगी हुई है। इन सबके बीच व्यक्ति अपने आपको, अपनी अंतश्चेतना को बिलकुल भुला बैठा है। वह एक यांत्रिक प्राणी बनकर केवल भौतिक साधनों की अंधी दौड़ में दौड़ लगा रहा है।
संस्कृति से निकलती राहेंहमारे प्राचीन वाङ्मय और धर्म-दर्शन से नि:सृत ज्ञान की अजस्र धारा में हमारा प्रवेश कराती है। यह हमारे मनीषियों, संत-महात्माओं और महापुरुषों के वचनों में उच्चारित हमारी गौरवपूर्ण संस्कृति से हमारा परिचय कराती हुई आत्मिक चेतना, जीवन-मूल्य और सामाजिक-सांस्कृतिक सरोकारों का मार्ग प्रशस्त करती है।
भारतीय धर्म-दर्शन-संस्कृति की गौरवशाली परंपरा के आधार पर जीवन का सन्मार्ग प्रशस्त करनेवाली रोचक व ज्ञानवर्धक पुस्तक।SKU: n/a