Rajasthani History
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Rajasthani Granthagar, अन्य कथा साहित्य
Hindustani Sangeet Paddhati Kramik Pustak Malika (Vol. 1)
हिन्दुस्तानी संगीत पद्धति क्रमिक पुस्तक मालिका (भाग 1) : क्रमिक पुस्तक मालिका भाग एक का हिन्दी अनुवाद संगीत के सुधी पाठकों के समक्ष प्रस्तुत है। मूल प्रस्तुत मराठी भाषा में हैं। यह भाग विधार्थियों में स्वर, लय और ताल की नींव निर्माण करने में यह पुस्तक बहुत लाभप्रद है। इस पुस्तक में सर्वप्रथम स्वर-बोध खण्ड के अन्तर्गत स्वराभास की प्रारम्भिक विधि बताई गई है। फिर बीस अलंकारों की रूप रेखा दी गई है। पाठ 7 से 9 तक शुद्ध और विकृत स्वरों का अभ्यास-क्रम सोदाहरण समझाया गया है। स्वरों के अभ्यास क्रम में मनोवैज्ञानिक शिक्षण के आधार पर पहले एक विकृत स्वर और उसके बाद धीरे-धीरे विकृत स्वरों की संख्या बढ़ाकर उदाहरण दिये गये है। दसवें पाठ में मात्रा और मात्रांश की शिक्षा, विद्यार्थियों को किस प्रकार की जाय, बताई गई है। पुस्तक का द्वितीय खण्ड राग-बोध है।
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Rajasthani Granthagar, ऐतिहासिक नगर, सभ्यता और संस्कृति
Rajasthan ke Lok Geet
राजस्थान के लोक गीत : राजस्थान के लोक गीत अपने सौन्दर्य में निराले हैं परन्तु आधुनिक तथाकथित सभ्यता और शिक्षा के प्रवाह में पड़कर दिनोंदिन विस्मृति के गर्भ में विलीन होते जा रहे हैं। उनके उद्धार और रक्षण के लिये यदि हम लोग अभी से प्रयत्नशील न हुए, तो अपनी इस अमूल्य निधि से हम शीघ्र ही हाथ धो बैठेंगे। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर राजस्थानी लोक गीतों का संग्रह किया गया है। लगभग 1000 सुन्दर–सुन्दर गीतों में 230 गीत इस संकलन में रखे गये हैं। अभी तक राजस्थानी गीतों का कोई ऐसा संग्रह प्रकाशित नहीं हुआ, जिसमें चुने हुए गीत पर्याप्त संख्या में हो और जो आधुनिक ढंग से टीका–टिप्पणियाँ तथा भावार्थ आदि सहित संपादित हो। आशा है यह संकलन इस कमी को बहुत कुछ पूरी कर सकेगा।
संकलन को तैयार करते समय इस बात पर ध्यान नहीं रखा गया है कि केवल सर्वश्रेष्ठ गीत ही दिये जायँ किन्तु ध्यान यह रखा गया है कि यथासंभव अधिकाधिक विषयों के गीत दिये जायँ। इसी प्रकार इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि केवल लोक गीत न देकर अन्यान्य लोक गीतों के भी कुछ नमूने दिये जायँ। फिर भी संकलन के अधिकांश गीत लोक गीत ही हैं।
इस कार्य ने राजस्थानी महिला-समाज का महान् उपकार किया है। नारी-हृदय के भाव इन गीतों में अपने वास्तविक रूप में व्यक्त हुए है और गार्हस्थ जीवन एवं उसके सुख–दुःख, प्रेम-कलह, आमोद-प्रमोद, आचार-विचार के अनेकों मनोरम चित्र इनमें उतारे गये हैं।SKU: n/a