Bhagavadgita
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Hindi Books, Prabhat Prakashan, महाभारत/कृष्णलीला/श्रीमद्भगवद्गीता
Divya Bhagwadgita Atma Se Parmatma Tak (PB)
-15%Hindi Books, Prabhat Prakashan, महाभारत/कृष्णलीला/श्रीमद्भगवद्गीताDivya Bhagwadgita Atma Se Parmatma Tak (PB)
श्रीमद्भगवद्गीता के अतुलनीय महत्त्व के कारण विश्व की 75 विदेशी भाषाओं सहित लगभग 82 भाषाओं में इसका रूपांतरण हो चुका है तथा सहस्रों टीकाएँ इस पर लिखी जा चुकी हैं। तो फिर इस एक और टीका की आवश्यकता क्यों पड़ी? जिन-जिन विद्वानों के मन में त्रिगुणमयी प्रकृति के गुणों से जन्य जैसा भाव उनके अंतःकरण व बुद्धि में रहा, उसके अनुरूप ही उन्होंने ‘गीता’ को अपने शब्दों में सँजोकर अपनी-अपनी कृतियों में उड़ेल दिया है। इसीलिए ‘गीता’ में भगवान् श्रीकृष्ण का एक निश्चित मत होते हुए भी भिन्न-भिन्न विद्वानों की कृतियों में नाना प्रकार से मतों की विभिन्नता दिखाई पड़ती है, जो कि स्वाभाविक ही है। भगवद्गीता में भगवान् श्रीकृष्ण के द्वारा दिए गए उपदेशों में जो सारगर्भित निश्चित मत अंतर्निहित है, उसी को स्वरूप देने का प्रयास इस पुस्तक में किया गया है।
परमात्मा के दिव्य अमृत वचनों के रहस्य तो परमगुह्य, अकथनीय, विशद एवं अलौकिक हैं। प्रस्तुत कृति आधुनिक युग के मानव को शोक, संत्रास, अतृप्त तृष्णाओं के उद्वेगों से मुक्ति दिलाकर शाश्वत सच्चिदानंद परमात्मा के सायुज्य में लाने का एक विनम्र प्रयास है।SKU: n/a -
Gita Press, Hindi Books, महाभारत/कृष्णलीला/श्रीमद्भगवद्गीता
Shrimadbhagvadgita, Padachhed, Anvaya
श्रीमद्भगवद्गीता भगवान श्रीकृष्ण का मानव जीवनोपयोगी दिव्य उपदेश है। इस संस्करण में प्रत्येक अध्याय के प्रारम्भ में पद्मपुराण से उद्धृत माहात्म्य का सरस वर्णन, मोटे अक्षरों में गीता का मूल-पाठ और सरल भाषा में अर्थ दिये जाने से यह स्त्रियों, बालकों, वृद्धों के लिए विशेष उपयोगी है। मोटे अक्षरों में, पुस्तकाकार, साधारण संस्करण।
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