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English Books, Garuda Prakashan, इतिहास
Eternal Bharat: Truth, Meaning & Beauty
“Eternal Bharat” delves into India’s rich civilization, showcasing its profound insights into reality through art and culture. Authored by Subhash Kak, a renowned professor, the book explores the essence of Indian wisdom, mapping cosmic processes through the lens of timeless texts like the Vedas and Upanishads. Praised by scholars and thinkers, it serves as a gateway to understanding India’s profound knowledge and civilizational past, offering a bridge between ancient wisdom and modern understanding.
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Hindi Books, Prabhat Prakashan, इतिहास
Ae Mere Pyase Watan Book in Hindi
पुस्तक ‘ऐ मेरे प्यासे वतन’ नई पीढ़ी के लिए जल संरक्षण का पासवर्ड है। जलगुरु महेंद्र मोदी ने अपने अवकाश के दिनों में लगातार जल संरक्षण की विभिन्न विधाओं और तकनीकों पर व्यावहारिक रिसर्च करके जल अभाव की विकराल समस्या का पूर्ण समाधान दिया है। प्रदूषण रहित, किफायती, सरल तकनीक व रख-रखाव की सुगमता आम आदमी की जरूरतें हैं। कानूनी तौर पर तो जल संरक्षण सबके लिए अनिवार्य है, लेकिन आम आदमी किसके पास जाए ? मितव्ययी तरीके कहाँ से सीखे ? कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए पेरिस समझौता 2015 व बाद के निर्धारित लक्ष्यों को कैसे प्राप्त करे ? इन सभी समस्याओं का समाधान लेखक की पुस्तकों में है।
लेखक ने पेयजल तथा वर्षाजल के उपयोगी प्रबंधन के लिए मितव्ययी, प्रदूषणमुक्त, कम जमीन व कम समय में सुखद परिणाम देनेवाले व्यावहारिक व कार्यरत मॉडल दिया। इस मॉडल से पूरे देश को वर्तमान प्रणाली की अपेक्षा अत्यंत कम खर्च में पेयजल उपलब्ध कराना तथा अर्थोपार्जन संभव है। इस मॉडल को अपनाने से पूरे देश को लगभग 2.5 से 5 खरब किलोवाट बिजली की बचत प्रतिवर्ष होगी ।
पुस्तकें पढ़ें, जल संरक्षण सिस्टम स्वयं बनाएँ और अपनी प्यारी संतानों को सबसे महत्त्वपूर्ण उपहार दें – ‘जल सुरक्षा कवच’ का।
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English Books, Prabhat Prakashan, इतिहास
Sentinel of The Himalayas: Colonel Chewang Rinchen
“This book entails how a child of the mountain becomes the timeless sentinel, gaurding the frontiers all his life and becoming an eternal name of summits etched with Indian Army’s spirit. With all our combined ability and might, we have endeavored to articulate the remarkable life journey of Colonel Chhewang Rinchen, MVC, and Bar, SM, the distinguished veteran of the Indian Army who faced four wars with pride since India’s independence. Through meticulous research and heartfelt storytelling, we have portrayed Colonel Rinchen’s selfless deeds through anecdotes not only as fearless warrior but also as compassionate leader who consistently prioritized the well-being of their fellow soldiers and community.
His exceptional courage and unwavering piousness towards his duty were exemplified by his dual Mahar Vir Chakra and numerous other honours. Apparently, it also solidifies his place as one of India’s most celebrated military heroes. The narrative is a tribute to Colonel Rinchen’s enduring legacy—a testament to his indomitable spirit, glorious sacrifices, and persistent commitment to serve the nation. After three and a half years of dedicated effort, we are proud to share the inspirational story with you all, hoping it will serve as a beacon of courage and integrity for generations to come.”
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English Books, Vitasta Publishing, इतिहास
ASSASSINATION OF RAJIV GANDHI AN INSIDE JOB?
For twenty-three years a myth has been perpetuated that former Prime Minister Rajiv Gandhi was assassinated by the LTTE because it feared his triumphant return to power at the conclusion of the 1991 general elections, underway, when Rajiv, out of power was assassinated on 21 May 1991. But if this basic premise is knocked off and the alternate scenario is shown that the Congress which returned to power in 1991 even after Rajiv’s assassination considerably short of a simple majority, had no chance of returning to power, had Rajiv not been sacrificed thus, then the entire bottom of this myth is knocked off and the whole theory falls flat on its nose. This is the premise on which everyone starting from CBI-SIT to the Supreme Court and numerous analysts and theorists have built their castles of conspiracy. This book is also about conspiracies and intrigue, but it has attempted to explode this myth and seeks to find why Rajiv was killed if he was not likely to return to power in the 1991 mid-term elections?
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Hindi Books, Prabhat Prakashan, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, इतिहास, सही आख्यान (True narrative)
Chalisa Sangrah – Aarti Sangrah
-10%Hindi Books, Prabhat Prakashan, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, इतिहास, सही आख्यान (True narrative)Chalisa Sangrah – Aarti Sangrah
यह पुस्तक “”चालीसा संग्रह”” भगवान के विभिन्न रूपों की महिमा को अद्वितीयता से बयां करने वाली एक अद्भुत संग्रह है। यह सामान्य हिंदी में लिखा गया है, ताकि इसे सभी आयुवर्गों के पाठकों को समझने में आसानी हो। पुस्तक में श्री गणेश, श्री दुर्गा, श्री हनुमान, श्री शिव, श्री कृष्ण, श्री राम, श्री सरस्वती, श्री लक्ष्मी, श्री संतोषी माता, श्री गायत्री, श्री शनि, श्री गंगा आदि की चालीसा शामिल हैं। इन चालीसाओं के माध्यम से पाठक भगवान की आराधना में समर्पित हो सकते हैं और उनसे आध्यात्मिक प्रेरणा पा सकते हैं। “”चालीसा संग्रह”” के अलावा, पुस्तक में मंगल कामना, आरती श्री मंगलाचरण, आरती श्री गणेश जी की, आरती श्री जगदीश जी की, आरती श्री रामचन्द्र जी, आरती श्री शिव जी की, आरती श्री कुञ्ज बिहारीजी की, श्री हनुमान जी की आरती, आरती श्री सरस्वती जी, आरती श्री लक्ष्मी जी की, आरती श्री दुर्गा जी की, आरती श्री गंगा जी, आरती श्री संतोषी माता, आरती श्री काली जी, आरती श्री वैष्णो जी, आरती श्री शनि देव जी, आरती श्री श्याम खाटू जी, आरती श्री गायत्री जी, श्री राम-स्तुति और आरती श्री रामायण जी भी शामिल हैं। इस पुस्तक का उद्दीपन भगवान की भक्ति में नई ऊर्जा और उत्साह भरा हुआ है। यह संग्रह आपको धार्मिकता की ऊँचाइयों तक ले जाने के लिए एक सहायक होगा और आपके आत्मा को शांति, शक्ति, और प्रेरणा प्रदान करेगा। इस पुस्तक के माध्यम से पाठक भगवान के साथ अपना संबंध मजबूती से बना सकते हैं और अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में बदल सकते हैं।
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Hindi Books, Prabhat Prakashan, इतिहास, सही आख्यान (True narrative)
Israel War Diary Book In Hind
-10%Hindi Books, Prabhat Prakashan, इतिहास, सही आख्यान (True narrative)Israel War Diary Book In Hind
इजराइल वॉर डायरी’ पुस्तक में इजराइल और हमास युद्ध के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। यह पुस्तक युद्ध क्षेत्र से एक रिपोर्टर की आँखों देखी सच्ची कहानी है। 7 अक्तूबर, 2023 को हमास ने इजराइल पर आतंकी हमला किया, जिसके बाद इजराइल और हमास के बीच युद्ध की शुरुआत हो गई। इजराइल और हमास के बीच यह युद्ध आज भी जारी है और इसका दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। जब युद्ध की शुरुआत हुई तो विशाल पांडेय भारत से इजराइल पहुँचने वाले पहले भारतीय पत्रकार थे। विशाल ने गाजा बॉर्डर से लगातार 18 दिन तक ग्राउंड रिपोर्टिंग की और अपनी आँखों से युद्धभूमि में जो कुछ देखा और महसूस किया, उसे शब्दों के माध्यम से इस पुस्तक में अंकित किया है। गाजा बॉर्डर से लेकर यरूशलम और फिलिस्तीन के वेस्ट बैंक तक की एक-एक तसवीर और जानकारी को इस पुस्तक में जगह दी गई है।
इस पुस्तक में आप यह पढ़ेंगे कि कैसे इजराइल और हमास के युद्ध की शुरुआत होती है। हमास आखिरकार इजराइल पर इतना बड़ा हमला कैसे कर पाया ? इजराइल और फिलिस्तीन की लड़ाई कितनी पुरानी है? मध्य पूर्व के देशों पर इस युद्ध का कितना असर पड़ रहा है ? इजराइल और हमास युद्ध के बीच भारत का स्टैंड क्या है ? इजराइल में आतंकी हमलों के पीड़ित लोगों की गवाहियाँ हैं तो फिलिस्तीन के लोगों का भी पक्ष आप यहाँ पढ़ पाएँगे।
इसके अलावा एक रिपोर्टर जब घर से युद्ध के मैदान के लिए रवाना होता है, उसकी क्या चुनौतियाँ होती हैं और किन हालात में वो रिपोर्टिंग करता है, यह सब आपको इस पुस्तक में मिलेगा।
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Hindi Books, Prabhat Prakashan, इतिहास
Mewar Evam Marathaon Ki Sahasra Varshon Ki Shauryagatha (PB)
-15%Hindi Books, Prabhat Prakashan, इतिहासMewar Evam Marathaon Ki Sahasra Varshon Ki Shauryagatha (PB)
तुष्टीकरण की राजनीति से प्रेरित सरकारों एवं दरबारी इतिहासकारों द्वारा तैयार किए गए पाठ्यक्रम में हमें मोहम्मद गोरी से लेकर मुगल शासकों तक का विस्तृत वर्णन तो मिलता है, किंतु हमें यह नहीं बताया जाता कि महाराणा प्रताप के पिता का क्या नाम था, हमें कभी बताया ही नहीं गया कि महाराणा हम्मीर सिंह ने मोहम्मद बिन तुगलक को, महाराणा कुंभा ने मालवा के महमूद खिलजी को, महाराणा साँगा ने तथाकथित दिल्ली सल्तनत के शासक इब्राहिम लोधी को महीनों तक बंदी बनाकर रखा।
यह भी नहीं बताया गया कि मराठा स्वराज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज ने एक ही समय में पुर्तगाली, मुगल, अंग्रेज, सिद्दी तथा आदिलशाह आदि विदेशी आक्रांताओं के साथ युद्ध करके उन्हें परास्त किया था। पेशवा बालाजी विश्वनाथ और पेशवा बाजीराव प्रथम के बारे में भी नहीं बताया गया, जिन्होंने न केवल मुगल साम्राज्य को उखाड़ फेंका था, बल्कि दिल्ली के तख्त पर अब कौन सा मुगल बादशाह बैठेगा, यह भी मराठे तय करने लगे थे।
आइए ! मेवाड़ एवं मराठा स्वराज्य की गौरवपूर्ण ऐतिहासिक यात्रा की ओर अग्रसर होते हैं, ताकि हम अपने महापुरुषों द्वारा किए गए पराक्रम का स्मरण कर अपने अस्तित्व को पहचानें और भारत को पुनः विश्वगुरुबनाएँ ।
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Hindi Books, Rajasthani Granthagar, इतिहास, जीवनी/आत्मकथा/संस्मरण
Aas Na Aangane
आस ना आँगणै
अक’ज तारो आसरौ, ओक’ज तारी वात। मात सरसती राखजे, म्हारै माथै हाथ।।
accordingly वागड़ी मंय म्हारी पेहली चोपड़ी “आस ना आँगणै” घणेमान थकी आप सब हुदी पुगाड़ते म्हारा मन मंय घणौ हरख है। घणं वरसं थकी म्हारै मन मों ओक वात हमेस आवती रह्यी के अणा नवा ज़मारा नै नवा ऊसर नं मानवी सप्पा बदलाईग्यं हैं नै जूनी वातै अणी नवी पीड़ी ने कौण वताड़े अर कौण हमझावे? all in all अणां विस्यार हाते म्हें नानूं मोटू लखवूं सरू कर्यु। अटला मों आदरजोग दादा श्री उपेन्द्रजी ‘अणु’, ऋषभदेव, श्री दिनेशजी पंचाल, विकास नगर नै श्री घनश्याम सिंहजी भाटी ‘प्यासा’ नो साथ मल्यौ अर अना लीधै’ज आ चोपड़ी नौ रूप लई आपनै हाथ मों है। Aas Na Aanganealso आणी जातरा मों वागड़ अर वागड़ी नी वात करतै थकै नवा ऊसर नै नवा ज़मारा मों जै वातै जौवा न्हें मलै हैं अर ओम लागे के ई वात अर ई विगत क्य खोवणीं पत्तू ज न्हें है। या’ज विच्यार मन मों उबराताग्या अर म्हूं कौसिस करतौग्यौ। जै वाते विगत म्हारे साथै वीती अर म्हें पण देखी, होंची हमझी या ‘ज वात अर विच्यार आणी चोपड़ी मों लाब्बा नी पूरी कोसिस रह्यी है। औणा हाते जे सबद अवै वागड़ी मों हांबळवा न्हें मलता हैं अर क्यं भी वापरवा मों न्हें आवता हैं औणा सबद नो परिचै करावा नी कोसिस कीदी है। Aas Na Aangane
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Hindi Books, Literature & Fiction, Rajasthani Granthagar
Mayad Re Aangane
मायड़ रै आंगणै
कमल पग धरती कन्या लियो अवतार
लुगाई जूंण री अबखायां रौ सबळौ दस्तावेज – ‘मायड़ रै आंगणै’ साहित्य में कहाणी विधा री ठावी ठौड़ मानीजै। हरेक रचनाकार आपरै आसै-पासै री घटनावां सूं घणौ प्रभावित व्हिया करै, इणरौ प्रभाव उण रै लेखन में आया करै। नवोदित रचनाकार तरनिजा मोहन राठौड़ द्मत ‘मायड़ रै आंगणै’ कहाणी संग्रै समाजू हालातां सूं अरूबरू करावण रौ अंक सबळौ जतन है। Mayad Re Aangane
दरअसल राजस्थानी साहित्य में ‘वात’ रौ घणौ महताऊ स्थान है। अलेखूं बातां आज ई राजस्थानी जन-मन में बस्योड़ी है। रात री टेम बूढा-बडेरा धूंई रै चौगीड़दै बातां सुणावतां जकौ कई-कई दिन अर रात चालती रैवती। in fact कई लोग मानै कै औ ‘वात साहित्य’ इज आधुनिक काल तक आवतै-आवतै कहाणी रूप में सांम्ही आयौ। पण भारतीय साहित्य रै परिपेख में देखां तौ लागै कै आज री राजस्थानी कहाणी अंग्रेजी साहित्य रै स्टोरी जवतलद्ध सूं हदभांत जुड़ियोड़ी है। जकौ अंग्रेजी सूं बांग्ला अर बांग्ला सूं हिंदी रै मारफत अठै तांई पूगै। हिंदी साहित्य री बात करां तौ सन् उगणीस सौ रै पैले-दूजै दसक में कहाणी पैलीपोत सांम्ही आई। जदकै राजस्थानी ‘वात साहित्य’ अपांरी अंजसजोग जूनी परंपरा है। अठै आ बात उल्लेखजोग हैं कै राजस्थानी साहित्य में शिवचंद्र भरतिया ‘विश्रांत प्रवास’ कहाणी लिख र नवौ आगाज करियौ।
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Hindi Books, Rajasthani Granthagar, इतिहास, भाषा, व्याकरण एवं शब्दकोश
Thakur Ramsingh Tanwar Ro Rajasthani Bhasha Aandolan Men Yogdan
-10%Hindi Books, Rajasthani Granthagar, इतिहास, भाषा, व्याकरण एवं शब्दकोशThakur Ramsingh Tanwar Ro Rajasthani Bhasha Aandolan Men Yogdan
ठाकुर रामसिंह तंवर रौ राजस्थानी भासा आंदोलन में योगदान
accordingly 20वीं सदी रा प्रसिद्ध राजस्थानी भासा, साहित्य, इतिहास अर संस्कृति री नूवी दीठ सूं अलख जगावण वाळा राजस्थानी मायड़ भोम रा लूंठा ठाकुर रामसिंहजी आपरी भणाई बी.एच.यू. सूं पूरी करियां पछै जद बीकानेर राज रा शिक्षा निर्देशक बणिया उणी समै राजस्थानी ग्रंथां अर लोक साहित्य रै सिरजण रौ काम आपरा भायला पंडित सूरजकरणजी पारीक सागै सुरू करियौ अर आगला दस बरसां मांय केई अमोलक पोथियां रौ प्रकासन कर अेक नूवौ राजस्थानी साहित्य रौ अध्याय सरू करियौ। ठाकुर साहब बनारस हिंदू विश्वविद्यालय सूं भणाई करी अर वे पंडित मदन मोहन मालवीयजी रा परम शिष्य ई रैया। Ramsingh Tanwar Rajasthani Bhasha
also ढोला मारू, वेली क्रिसन रुकमणि री, राजस्थानी रा लोक गीत अर ग्राम गीतां री सांवठी पोथियां रौ प्रकासन अर संपादन अेक क्रांति री सरूआत ही। लगोलग ठाकुर साहब आपरा मित्रां रै साथै केई जूनी राजस्थानी पोथियां अर लोक में संग्रहित राजस्थानी रै साहित्य नै आखी दुनिया में चावा करण रौ काज करियौ। उणां रै आं कामां सूं साहित्य जगत में मायड़ भोम खातर अेक नूवी सरूआत हुई।
surely ठाकुर रामसिंहजी 1930 सूं लेय’र 1975 में उणां रै सुरगवास तांई केई मोटा-मोटा कार्यक्रमां में राजस्थानी भासा री मानता री आवाज उठाई अर नूवी पीढी उणां रै भासणां सूं आज ई पे्ररणा लेवै। दीनाजपुर अधिवेशन 1944 रौ भासण आज ई राजस्थानी रौ संविधान कहीजै। औ अखिल भारतीय साहित्य सम्मेलन हौ जिणमें सभापति रौ दायित्व ई आप निभायौ। इण सूं पैला ठामुर साहब चुरू में बीकानेर राज्य साहित्य सम्मेलन में ई सभापति रै रूप में आपरौ महताऊ भासण दियौ हौ। इणां भासणां रा प्रकासन लगोलग होवता रैया है अर राजस्थानी विभाग जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर कांनी सूं ई प्रो. कल्याणसिंहजी शेखावत इणरौ प्रकासन कर नै नूवी पीढी नै उणां रै योगदान सूं परिचय करावण रौ सरावणजोग काज करियौ हौ।
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English Books, Prabhat Prakashan, इतिहास, सही आख्यान (True narrative)
Beyond 370 : Jammu and Kashmir Spreads its Wings
-10%English Books, Prabhat Prakashan, इतिहास, सही आख्यान (True narrative)Beyond 370 : Jammu and Kashmir Spreads its Wings
Beyond 370: Jammu and Kashmir spreads its Wings’ is a comprehensive book that delves into the changes post-abrogation of Article 370 in 2019 and its profound impact on the development and progress of Jammu and Kashmir. The book offers an in-depth exploration of the region’s transformative journey as it navigates a new path towards growth and empowerment.
Through meticulous research and on-the-ground accounts, ‘Beyond 370’ delves into the multi- faceted aspects of development in Jammu and Kashmir. It highlights numerous government initiatives and policies aimed at fostering economic growth, infrastructural development, and job creation. The book also assesses the impact of these measures on the lives of the region’s residents, exploring the socio-economic changes that have unfolded.
‘Beyond 370’ is a balanced and insightful account that provides readers with a comprehensive understanding of how Jammu and Kashmir has progressed in the wake of Article 370’s abrogation. It acknowledges the complexities and aspirations of the region while offering a glimpse into the transformative changes that have propelled Jammu and Kashmir towards a promising future.
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Hindi Books, Rajasthani Granthagar, इतिहास
Marwar Ka Itihas
मारवाड़ का इतिहास
मारवाड़ अपनी प्राचीन समृद्ध परम्परा, अद्भूत शौर्य एवं अनूठे कलात्मक अवदानों के कारण विश्व के परिदृश्य में दैदीप्यमान है। Marwar Ka Itihas
राजस्थान की मध्यकालीन रियासतों में मारवाड़ का विशेष महत्व रहा हैं। पुस्तक में मारवाड़ की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, जोधपुर के राठौड़ नरेशों के वंशजों का विद्या प्रेम, दानशीलता, धर्म, कला-कौशल प्रेम का विवरण दिया गया है।
राव सीहा, राव चूण्डा, राव जोधा, राव मालदेव, राव चन्द्रसेन, मोटा राजा उदयसिंह, सवाई राजा सूरसिंह, महाराजा जसवंत सिंह, अजीत सिंह, अभय सिंह, विजय सिंह तथा भीमसिंह व राजा मानसिंह कालीन इतिहास के महत्वपूर्ण बिन्दुओं का वर्णन किया हैं। इन शासकों के राजनीतिक इतिहास के साथ-साथ तत्कालीन प्रशासनिक व्यवस्था, जागीरदारी व्यवस्था, राजस्व व्यवस्था व व्यापार वाणिज्य की विस्तृत विवेचना को प्रस्तुत करने के साथ ही मारवाड़ की पारम्परिक जल संरक्षण तकनीक व ओरण परम्परा का विश्लेषण किया गया हैं।
व्यापक परिपेक्ष्य में राजस्थान के वन्य जीव अभ्यारण्य के संरक्षण व संर्वधन की भी विवेचना की गई है। Marwar Ka Itihas
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Hindi Books, Surya Bharti Prakashan, इतिहास, सही आख्यान (True narrative)
Mahatma Gandhi Bharat ke liye Abhishap
Hindi Books, Surya Bharti Prakashan, इतिहास, सही आख्यान (True narrative)Mahatma Gandhi Bharat ke liye Abhishap
इस पुस्तक के संकलनकर्ता, लेखक एवम् संपादक ने यथा उपलब्ध सामग्री के आधार पर अद्यतन और प्रामाणिक सूचना उपलब्ध करवाने के लिए अपनी सर्वोत्तम जानकारी एवम् कुशलता का प्रयोग किया है। तथापि, पाठकों से विनम्र अनुरोध है कि इस पुस्तक के अनुसरण में कोई भी कार्रवाई करने से पहले यथा संबद्ध संस्था से परामर्श अवश्य करें। इस पुस्तक के आधार पर की जाने वाली किसी भी प्रकार की कार्रवाई के लिए लेखक अथवा प्रकाशक किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा किसी भी प्रकार के विवाद की स्थिति में न्यायिक क्षेत्राधिकार दिल्ली होगा।
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Prabhat Prakashan, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, इतिहास
Nar se Narayan (PB)
प्रस्तुत पुस्तक ‘नर से नारायण‘ दीदीमाँ साध्वी ऋतंभराजी के प्रवचनों का अनुकरणीय संग्रह है। अपनी तरुणाई से ही अध्यात्म-पथ पर अग्रसर होने वाली साध्वी ऋतंभरा अपने गुरुदेव युगपुरुष स्वामी श्रीपरमानंदजी महाराज के आध्यात्मिक सान्निध्य में देखते-ही-देखते श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन का प्रमुख चेहरा बन गईं। ’90 के दशक में देश भर में कोटि- कोटि हिंदू समाज उन्हें सुनने के लिए उमड़ पड़ता था। उन्होंने अपनी तेजस्विता से सुप्त पड़े हिंदू समाज को झकझोरकर जगाया। अपने धारदार प्रवचनों में उन्होंने बताया कि कैसे एक शक्तिशाली हिंदू समाज जाति- पाँति के भेद में पड़कर इतना कमजोर हो गया कि मुगलों से लेकर अंग्रेजों तक सभी ने उसकी आस्था और प्रतीकों को रौंदा ।
अयोध्या आंदोलन में अपनी तेजस्वी भूमिका निभानेवाली साध्वी ऋतंभरा ने अपने वात्सल्य स्वभाव में स्थित होकर निराश्रित बच्चों, सेवाभावी बहनों एवं तिरस्कृत वृद्धा माताओं के साथ मिलकर वृंदावन में वात्सल्य सृष्टि की रचना की। समाज- जीवन के विभिन्न विषयों पर उनका चिंतन अद्भुत है। उनके प्रवचन जीवन की विषम परिस्थितियों में समाधान देते हैं। उनके विचार अँधियारे जीवन-पथ में प्रकाश-स्तंभ के समान हैं। उनके अमृत वचन इस बात की सुनिश्चितता होते हैं कि कैसे एक साधारण मनुष्य भी नर से नारायण बन सकता है।
आध्यात्मिक उन्नति करके जीवन को सार्थकता देने के लिए प्रेरित करने वाली अमृतवाणी का अनुपमेय संकलन ।
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English Books, Prabhat Prakashan, इतिहास
Chhatrapati Shivaji Maharaj: Father Of The Indian Navy (PB)
-15%English Books, Prabhat Prakashan, इतिहासChhatrapati Shivaji Maharaj: Father Of The Indian Navy (PB)
The book highlights Shivaji Maharaj’s exceptional statesman- ship by focusing on his visionary development of the navy. Facing the challenge of protecting territories and ensuring economic prosperity, Shivaji Maharaj strategically built ships and naval bases along the Konkan Coast, showcasing his foresight in coastal defense.
The Maratha navy’s unique characteristics, including cumbrous gun-boats and coastal warfare tactics, are explored. The book narrates the 1679 fortification of Khanderi Island, a pivotal moment where the Marathas, led by Shivaji Maharaj, demonstrated unparalleled resilience against a siege by the English and Siddi forces.
The author emphasizes the Marathas’ unwavering commitment to fight till the end, even in the face of inevitable defeat, showcasing their tenacity and courage against the experienced English naval power. The work concludes by acknowledging that it is a compilation of gathered facts from various sources, expressing gratitude to the credited references listed at the end of the book.
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English Books, Prabhat Prakashan, इतिहास
In The Arms Of A Soldier: For A Soldier, The Nation Is Always First (PB)
-15%English Books, Prabhat Prakashan, इतिहासIn The Arms Of A Soldier: For A Soldier, The Nation Is Always First (PB)
The love story of Pranali and Vikrant was an unlikely one. Pranali was an ordinary girl from Mumbai, while Vikrant was a Para Commando Major from the army. Their paths crossed one day at Victoria Garden in Kolkata, and they were drawn to each other immediately. Despite coming from different worlds, they fell deeply in love and decided to get married.
However, fate had other plans. Just two days before their wedding, Vikrant was called away on a mission. He had to leave Pranali behind, with their love story left incomplete. The pain of separation was immense, and Pranali struggled to cope with the loneliness and the uncertainty of not knowing when Vikrant would return.
Despite the challenges, Pranali held onto the hope that one day Vikrant would come back to her. She remained steadfast in her love for him, praying for his safe return and dreaming of the day when they could finally be united and together again. Their love story may have been interrupted, but it was far from over.
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